China-Nepal Relation: चीन के द्वारा जारी किए गए नए विवादित नक्शे पर अब नेपाल ने भी तगड़ी नाराजगी जताई है. इसी कड़ी में बड़ा अब बड़ा कदम उठाते हुए काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन शाह ने मैप विवाद को लेकर चीन की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी है. शाह को तेजतर्रार राष्ट्रवादी के रूप में जाना जाता है. वह नेपाल के क्षेत्र और अखंडता के पक्ष में कड़ा रुख अपनाने के लिए लोकप्रिय हैं. उन्होंने गुरुवार से शुरू होने वाली अपनी पांच दिवसीय चीन यात्रा रद्द करने का फैसला किया है. फेसबुक पर मेयर शाह ने खुद कहा है कि उन्होंने नैतिक आधार पर अपनी चीन यात्रा रद्द कर दी है 


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नक्शे में चीन की चूक
हालांकि बताया जा रहा है कि मेयर बालेन शाह का यह फैसला मई 2020 में अनावरण किए गए नेपाल के अपडेट नक्शे में चीन की चूक के संबंध में उनकी चिंताओं की प्रतिक्रिया के रूप में आया है. गुरुवार को मेयर शाह ने कहा कि उन्होंने नैतिक आधार पर अपनी चीन यात्रा रद्द कर दी है क्योंकि प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय की वेबसाइट पर सोमवार को प्रकाशित चीनी मैप में नेपाल के पुराने नक्शे का उपयोग किया गया था. 20 मई 2020 को केपी ओली सरकार ने नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे का अनावरण किया गया था. जिसका 13 जून को संसद ने सर्वसम्मति से समर्थन किया था.


बीजिंग की यात्रा रद्द 
इसके बाद दोनों पड़ोसियों भारत और चीन ने खारिज कर दिया. वहीं सोमवार रात चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश और विवादित अक्साई चिन क्षेत्र को अपने क्षेत्र में शामिल कर अपना राजनीतिक मानचित्र जारी किया है. मानचित्र में चीन की सीमा से लगे क्षेत्रों को भी दिखाया गया है, लेकिन नेपाल नक्शे का प्वाइंटिड स्पर विशेष रूप से अनुपस्थित है. नेपाल के नए नक्शे के प्रति दोनों पड़ोसियों द्वारा दिखाई गई उपेक्षा ने नक्शे की वैधता पर संदेह पैदा कर दिया है. पर्यटन को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से मेयर बालेन गुरुवार को बीजिंग की यात्रा पर निकलने के लिए पूरी तरह तैयार थे.


बालेन ने गंभीर चिंता व्यक्त की
खास बात यह है कि मेयर बालेन को यात्रा के लिए चीनी सरकार ने आमंत्रित किया था. बालेन ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी चीन यात्रा रद्द कर दी क्योंकि चीनी सरकार द्वारा जारी हालिया नक्शा नेपाल के नए राजनीतिक नक्शे के साथ संरेखित नहीं है. इसके बजाय, यह नेपाली क्षेत्र को भारत के हिस्से के रूप में दर्शाता है. उनका कहना है कि चीन ने नेपाल से सलाह किए बिना नेपाली क्षेत्र को भारत के हिस्से में शामिल करने का फैसला किया है. (इनपुट- एजेंसी)