नई दिल्लीः चीन तीस्ता नदी परियोजना (Teesta river management project) के लिए बांग्लादेश को 1 अरब डॉलर का कर्ज दे रहा है. ऐसे में पाकिस्तान और नेपाल के बाद अब चीन बांग्लादेश पर अपनी धाक जमाने की कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि चीन ने बांग्लादेश की तीस्ता नदी परियोजना के लिए 1 बिलियन डॉलर कर्ज देने का ऐलान किया है. तीस्ता बांग्लादेश की चौथी सीमा पार वाली बड़ी नदी है.


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बांग्लादेश में कम से कम 21 मिलियन लोग तीस्ता नदी पर निर्भर हैं. दिसंबर में काम शुरू होने की उम्मीद के साथ; चीन नदी प्रबंधन परियोजना के लिए बांग्लादेश की मदद कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से बांग्लादेश ने 983 मिलियन डॉलर ऋण के लिए पूछा था. लिहाजा अब चीन उसकी मदद भी कर रहा है. 


हालांकि चीन की चिंता नदी (Teesta River) को लेकर नहीं बल्कि बांग्‍लादेश को कर्ज देकर वह भारत के खिलाफ एक नई साजिश रच सकता है. बता दें बीजिंग की चिंता दो चीजों पर है. बांग्‍लादेश को कर्ज देकर चीन के पास अवसर है जिसके जरिए वह भारत के सहयोगियों में से एक को नियंत्रित कर अपनी ओर कर सकता है. यानी एक तरह से चीन ने बांग्लादेश से दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. 


जिस तीस्ता नदी के प्रोजेक्ट के लिए चीन बांग्लादेश को कर्ज दे रहा है उसकी उत्पत्ति भारत में हुई. नदी बांग्लादेश में प्रवेश करने से पहले सिक्किम और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है. तीस्ता उन 54 नदियों में से एक है जो बंगाल की खाड़ी में बहने से पहले बांग्लादेश में जाती है. 


जहां एक ओर चीन ने बांग्लादेश को कर्ज देने की बात की है तो वहीं मंगलवार (18 अगस्त) को भारत के विदेश सचिव हर्ष वी. श्रृंगला (Foreign Secretary Harsh V Shringla) दो दिवसीय यात्रा पर ढाका रवाना हो गए हैं.