PAK: मरियम की ईसीएल याचिका पर फैसले के लिए लाहौर हाईकोर्ट ने सरकार को दिया 7 दिन का समय
एक अन्य याचिका उनके पासपोर्ट जारी करने की मांग को लेकर दायर की गई है, जिसे हाईकोर्ट ने उन्हें चौधरी शुगर मिल्स जांच की जमानत देने के दौरान ले लिया था.
लाहौर: लाहौर हाईकोर्ट (एलएचसी) ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) की बेटी मरियम नवाज की एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) से अपना नाम हटाने की मांग वाली याचिका को सरकार की एक पुनर्विचार समिति को भेज दिया. 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति अली बाकर नजफी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले पर फैसला लेने के लिए संघीय सरकार को सात दिनों का समय दिया है.
मरियम नवाज (Maryam Nawaz) की याचिका पर पीठ ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को 16 दिसंबर को समन किया है. इस याचिका में छह हफ्ते के लिए विदेश यात्रा की एक बार अनुमति के तहत पासपोर्ट को अस्थायी रूप से वापस देने की मांग की गई है. सुनवाई के दौरान मरियम के वकील ने कहा कि संघीय सरकार ने मरियम को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर नहीं देकर एग्जिट फ्रॉम पाकिस्तान (कंट्रोल) आर्डिनेंस 1981 का उल्लंघन किया है.
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मरियम के वकील ने एनएबी द्वारा लाहौर (Lahore) हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के एक दिन बाद अपनी याचिका दायर की. लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के नेता को चौधरी शुगर मिल्स भ्रष्टाचार मामले में जमानत दे दी थी.
20 अगस्त 2018 को एनएबी के आग्रह पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की अगुवाई वाले संघीय कैबिनेट ने मरियम का नाम नो फ्लाई लिस्ट में डाला था. मरियम ने रवानगी की तारीख से छह हफ्ते के लिए विदेश यात्रा के लिए वन-टाइम परमिशन की मांग की है. एक अन्य याचिका उनके पासपोर्ट जारी करने की मांग को लेकर दायर की गई है, जिसे हाईकोर्ट ने उन्हें चौधरी शुगर मिल्स जांच की जमानत देने के दौरान ले लिया था.
(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस)