Pakistan Fuel Crisis: पाई-पाई को मोहताज हो रहे पाकिस्तान (Pakistan) का आर्थिक संकट (Economic Crisis) अब उसकी फौज को भी अपनी चपेट में ले चुका है. उसके हथियारों और टैंकों में जंग लगने का खतरा मंडरा रहा है. भारत के हाथों कई बार पिट चुकी पाकिस्तान की सेना (Pakistan Army) के पास अब रुटीन वार प्रेक्टिस करने के लिए भी पैसा नहीं बचा है. दरअसल पाकिस्तानी फौज (Pak Army) बुरी तरह फ्यूल क्राइसिस (Fuel Crisis) से जूझ रही है. इस तरह आसमान छूती महंगाई ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पाक के सामने तेल का संकट


पाकिस्तान में भारी संकट है. खाने वाला तेल (Edible Oil ) हो या ईंधन (Fuel) के रूप में इस्तेमाल होने वाला, पाकिस्तान के पास तेल ही नहीं है. 'यूरेशियन टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की सेना ने ईंधन की कमी के चलते इस साल दिसंबर तक सभी सैन्य अभ्यास रद्द कर दिए हैं. इस फैसले को लेकर पहली वजह ये बताई गई है कि रिजर्व फ्यूल और जरूरी साजो-सामान की कमी है. आपको बताते चलें कि सामरिक यानी सैन्य दृष्टिकोण से रिजर्व फ्यूल, वॉर रिजर्व से अलग होता है. रिजर्व फ्यूल सैन्य अभ्यास के लिए बाकी जरूरतों से अलग रखा जाता है.


पैकेज से पेट भरेगा या जंग लड़ेगा पाकिस्तान?


रिपोर्ट्स के मुताबिक एक सामान्य पाकिस्तानी टैंक का एवरेज दो लीटर प्रति किलोमीटर है. वो अभी किसी ड्रिल के लिए तैयार नहीं है. फ्यूल संकट के चलते पाकिस्तान ने बख्तरबंद गाड़ियों का मूवमेंट और मशीनाइज्ड वॉर एक्सरसाइड रद्द कर दी है. पाकिस्तान को हाल ही में आईएमएफ से जो पैकेज मिला है, वो उसकी जरूरत पूरी करने में नाकाफी है. इसलिए पाकिस्तान की फौज को ये कड़ा फैसला लेना पड़ा है.