इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इमरान सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ कारोबारियों की दो दिवसीय हड़ताल का मंगलवार को व्यापक असर देखा गया है. देश के हर शहर के बाजारों में सन्नाटा पाया जा रहा है. यह हड़ताल कल (बुधवार को) भी जारी रहेगी. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, हड़ताल के कारण पूरे देश में व्यापारिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं. राजधानी इस्लामाबाद, देश के सबसे बड़े शहर व सिंध की राजधानी कराची, पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर, बलोचिस्तान की राजधानी क्वेटा समेत तमाम शहरों में दुकानें, शॉपिंग माल बंद हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कारोबारियों के विभिन्न संगठनों ने यह हड़ताल ऐसे समय में की है जब इमरान सरकार के इस्तीफे की मांग के साथ विपक्षी नेता मौलाना फजलुर रहमान का 'आजादी मार्च' देश के विभिन्न इलाकों से गुजरता हुआ इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहा है. व्यापारी संगठनों ने इस मार्च के प्रति भी समर्थन जताया है.


खैबर पख्तूनख्वा के व्यापारी संगठन के अध्यक्ष मेहर इलाही ने कहा, "(पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी) सरकार ने हमारा उद्योग धंधा चौपट कर दिया है. बहुत अधिक टैक्स और महंगाई के कारण कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें हमेशा के लिए बंद कर दी हैं."


इस्लामाबाद में एक दुकानदार गौहर अली ने कहा, "यह (हड़ताल) सरकार को हमारा संदेश है कि हम उसकी नीतियों से नाखुश हैं."


कारोबारियों की मांग के जवाब में इमरान सरकार साफ कर चुकी है कि वह आर्थिक नीतियों और कर संग्रह की नीतियों को नहीं बदलेगी. जबकि, कारोबारियों का कहना है कि कर की ऊंची दरों और इन्हें वसूलने के तरीकों ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी है.


दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) जैसी वैश्विक संस्थाओं से कर्ज लेना पड़ा है जिनकी कड़ी शर्तो ने पाकिस्तान के अवाम की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. महंगाई चरम पर है, बिजली व गैस जैसी जरूरी चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं.


विपक्षी दलों और कारोबारी संगठनों का कहना है कि सरकारी अधिकारी व मंत्री 'देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के आईएमएफ के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.'


(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस)