Imran Khan Judicial Custody: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं और सिफर केस (Cipher Case) में उनको पाकिस्तान की एक विशेष अदालत से एक बार फिर झटका लगा है. कोर्ट ने इमरान खान की न्यायिक हिरासत को और 14 दिन के लिए बढ़ा दिया है. इसके साथ ही उनकी जल्द रिहाई की संभावना भी कम हो गई है.


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इमरान खान पर क्या है आरोप?


पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) को शासकीय गोपनीयता अधिनियम के उल्लंघन में गिरफ्तार किया गया था. उन पर अमेरिका स्थित पाकिस्तान दूतावास द्वारा भेजे गए आधिकारिक दस्तावेज (सिफर) की गोपनीयता भंग करने का आरोप है. यह तीसरी बार है जब इमरान खान की न्यायिक हिरासत को बढ़ाया गया है. उनकी पिछली 14 दिन की हिरासत की अवधि आज (26 सितंबर) खत्म हो गई थी.


10 अक्टूबर तक बढ़ी इमरान की न्यायिक हिरासत


विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने जिला जेल अटक में सुनवाई की. तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पांच अगस्त से इमरान खान (Imran Khan) को इसी जेल में हिरासत में रखा गया है. सुनवाई के बाद अदालत ने जांच पूरी करने के लिए उनकी न्यायिक हिरासत को 10 अक्टूबर तक बढ़ा दिया. अदालत ने पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की हिरासत भी इसी अवधि के लिए बढ़ा दी. कुरैशी पर भी इसी अधिनियम के तहत आरोप हैं.


रावलपिंडी की अदियाला जेल में शिफ्ट होंगे इमरान


हालांकि, इस्लामाबाद हाई कोर्ट (Islamabad High Court) ने सोमवार को अधिकारियों को आदेश दिया था कि इमरान खान (Imran Khan) को रावलपिंडी की अदियाला जेल में शिफ्ट किया जाए, लेकिन अभी तक इस पर कार्रवाई नहीं की गई है. अधिकारियों ने इससे पहले सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मामले की सुनवाई जेल में करने की अनुमति दी थी.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)