Pakistan News: आर्थिक तंगी की मार झेल रहे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के हालात दिन-प्रतिदिन बदतर होते जा रहे हैं. पाकिस्तान में रोजमर्रा के सामानों के दामों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल रही है. इसके अलावा पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है. जल्द से जल्द परिस्थितियां ठीक करने के लिए पाकिस्तान ने कुछ काम नहीं किया तो उसकी भी हालत श्रीलंका के जैसी हो सकती है! 5 वीं सबसे बड़ी आबादी वाले देश पाकिस्तान में आवाम को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए तय कीमत से अधिक दाम में सामान खरीदना पड़ रहा है. यहां पेट्रोल-डीजल समेत कई जरूरी सामान भी आम लोगों की पहुंच से बाहर हो चुके हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अपने देश की हालत सुधारने के लिए पाकिस्तान सरकार आईएमएफ के ऊपर पूरी तरह से निर्भर है. हाल ही में आईएमएफ का एक डेलिगेशन पाकिस्तान पहुंचा हुआ था. पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने के बदले में आईएमएफ ने उसके सामने कई कठिन शर्तें रखी थी. आईएमएफ की कुछ शर्तें मानने के बाद पाकिस्तान में महंगाई और भी ज्यादा बढ़ गई है, वहीं आईएमएफ ने पाकिस्तान के रक्षा बजट में भारी कटाव करने की भी शर्त रखी थी.


कोरोना की मार झेल चुके पाकिस्तान की हालत पहले से ही बेकार थी लेकिन वहां आई बाढ़ से पाक की अर्थव्यवस्था और भी ज्यादा खराब हो गई. आने वाले 12 महीनों में पाकिस्तान को करीब 22 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है, वहीं साढ़े 3 साल में पाकिस्तान को 80 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है. वर्तमान समय में पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार केवल तीन 3.2 अरब डॉलर का है. अपनी आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए पाकिस्तान आईएमएफ पर अपनी निर्भरता को और भी ज्यादा बढ़ाते जा रहा है. जितना बड़ा कर्ज पाकिस्तान के सिर पर है, ऐसे में पाकिस्तान की मदद कोई 'मसीहा' ही कर सकता है.


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे