India pakistan relation: पाकिस्तान आर्थिक संकट के ऐसे दलदल में फंसा हुआ है कि वह उससे बाहर निकल नहीं पा रहा है. शरीफ सरकार को IMF से बहुत उम्‍मीद थी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ. गर्मी आने के साथ-साथ शहबाज शरीफ के दिमाग का पारा भी चढ़ रहा है. उन्‍होंंने ऐसे कोई विकल्‍प नहीं छोड़े हैं. जिससे वह पाकिस्‍तान को इस तंगी से बाहर निकाल पाएं. ऐसे में पाकिस्‍तान के ही एक्‍सपर्ट अब उनके फैसले पर तंज कसने लगे हैं और अब वे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी याद कर रहे हैं. पाकिस्‍तान न जाने कितने देशों से कर्ज मांग चुका है, लेकिन खुद यह भी मान रहा है कि कर्ज से यह संकट खत्‍म नहीं होने वाला है.       


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डॉ मनमोहन सिंह ने संकट से निकाला


आर्थिक विशेषज्ञ का कहना है कि 1990 के दशक में भारत में भी आर्थिक संकट आया था. उस वक्‍त भारत में मनमोहन सिंह को लाया गया और उस समय की नियुक्ति पर वे भारत की प्रशंसा करते हैं. वे कहते हैं कि 1990 के दशक में, भारत की सरकार यह समझ गई थी कि अगर देश का कायाकल्प करना है तो उन्हें योग्य लोगों की जरूरत है. उस वक्‍त वे किसे लेकर आए? उन्‍होंने मनमोहन सिंह जैसे लोगों को मौका दिया. वे बहुत ही कुशल और सम्मानित व्यक्ति हैं. उन्होंने मुख्य लोगों का धर्म के बारे में भी नहीं बताया और दूसरों की परवाह किए बिना भारत ने उनकी अपॉइंट किया. 


योग्यता से चलता है देश


पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के साथ बातचीत करने हुए कहते हैं कि अगर फैसले लेते समय अगर आप योग्यता से ज्‍यादा परिवार वालों को वरीयता देते हैं और अगर आप सभी महत्वपूर्ण पद अपने भाई, बहनोई, बेटी और भतीजों को देंगे तो आप 22 करोड़ लोगों के देश को नहीं चला सकते हैं. उन्‍होंने इस आर्थिक संकट के लिए इमरान सरकार पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्‍होंने पिछली सरकार पर भी जमकर बरसे और उनकी नीतियों की आलोचना की. उन्‍होंने भारत की जमकर तारीफ भी की. 


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