Pakistan Economic Cricis: आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को अपने करीबी सहयोगी चीन से एक अरब डॉलर मिले हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ऋण सहायता मिलने को लेकर काफी असमंजस बना हुआ था. इस बीच पाकिस्तान के पास बेहद कम विदेशी भंडार बचा है. इस मुश्किल घड़ी से जूझ रहे पाकिस्तान को इस कर्जे से काफी मदद मिलेगी. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने शुक्रवार की रात इस बारे में कोई अन्य विवरण साझा किए बिना चीन से राशि मिलने की पुष्टि की. अब सवाल है कि पाकिस्तान क्या इतना बड़ा कर्ज चुका पाएगा. अगर पाकिस्तान यह कर्ज नहीं चुका पाता है कि तो वह चीन के ट्रैप में फंसने से नहीं बच पाएगा.


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कर्ज की गर्त में पाकिस्तान


पाकिस्तान का मुद्रा भंडार हाल के सप्ताहों में घटकर लगभग 3.9 अरब अमेरिकी डॉलर तक रह गया था. इससे पहले, वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा था कि पाकिस्तान ने पिछले सोमवार को चीन को 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर की देनदारी के मुकाबले एक अरब अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया और उम्मीद जताई थी कि यह राशि वापस कर दी जाएगी. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भुगतान में चूक की कगार पर है. आईएमएफ ने उसे 6.5 अरब डॉलर की ऋण सहायता देने की 2019 में सहमति जताई थी, लेकिन इसमें से 2.5 अरब डॉलर उसे नहीं मिले हैं. इस राशि को जारी करने के लिए आईएमएफ ने कुछ शर्तें रखी हैं. 


चीन दे दी बड़ी मदद


दूसरी ओर पाकिस्तान का कहना है कि वह आईएमएफ की शर्तों को पहले ही पूरा कर चुका है. आईएमएफ का ऋण सहायता कार्यक्रम 30 जून को पूरा हो रहा है. पाकिस्तान आईएमएफ से मदद नहीं मिलने की स्थिति में अपनी अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए एक विकल्प की तलाश कर रहा है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि चीन उसे चार अरब डॉलर का द्विपक्षीय ऋण देगा. आपको बता दें कि पाकिस्तान में सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक और समाजिक संकट भी गहराया हुआ है. पाक की जनता महंगाई की मार से त्रस्त हो चुकी है.


(इनुपट: एजेंसी)