IMF को खुश करने के लिए सरकार ने बढ़ाए 22.20 रुपये, PAK में 272 रुपये प्रति लीटर मिलेगा पेट्रोल
Fuel Prices in Pakistan: हाई-स्पीड डीजल की कीमत 17.20 रुपये की बढ़ोतरी के बाद 280 रुपये प्रति लीटर हो गई है. मिट्टी का तेल 12.90 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब 202.73 रुपये प्रति लीटर पर मिलेगा. नई कीमतें गुरुवार सुबह 12 बजे से लागू होंगी.
Petrol Diesel Price in Pakistan: टैक्स से भरे मिनी-बजट को जारी करने के कुछ घंटों बाद, पाकिस्तान ने बुधवार रात पेट्रोल और गैस की कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी कर दी, ताकि महत्वपूर्ण ऋण किश्त को अनलॉक करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को खुश किया जा सके. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक जियो न्यूज ने यह जानकारी दी है.
वित्त विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक 22.20 रुपये की वृद्धि के बाद पेट्रोल की कीमत 272 रुपये प्रति लीटर हो गई है. डॉलर के मुकाबले रुपये के अवमूल्यन के कारण यह वृद्धि हुई है.
डीजल, मिट्टी के तेल के नए दाम
हाई-स्पीड डीजल की कीमत 17.20 रुपये की बढ़ोतरी के बाद 280 रुपये प्रति लीटर हो गई है. मिट्टी का तेल 12.90 रुपये की बढ़ोतरी के बाद अब 202.73 रुपये प्रति लीटर पर मिलेगा. वहीं, हल्का डीजल तेल 9.68 रुपये की बढ़ोतरी के बाद 196.68 रुपये प्रति लीटर पर मिलेगा. जियो न्यूज ने बताया कि नई कीमतें गुरुवार सुबह 12 बजे से लागू होंगी.
महंगाई बढ़ेगी
पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में वृद्धि वाशिंगटन स्थित ऋणदाता की पूर्व शर्तों में से एक थी, जो पहले से ही रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति में वृद्धि का कारण बनेगी. पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद 'मिनी-बजट' से महंगाई बढ़ने की उम्मीद है.
जियो न्यूज के मुताबिक मूडीज एनालिटिक्स से जुड़ी वरिष्ठ अर्थशास्त्री कैटरीना एल ने भविष्यवाणी की थी कि पाकिस्तान में मुद्रास्फीति 2023 की पहली छमाही में कम होने से पहले औसतन 33 प्रतिशत हो सकती है, और आईएमएफ से अकेले बेलआउट से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की संभावना नहीं है.
कर संग्रह बढ़ाना चाहती है सरकार
‘मिनी-बजट’ के माध्यम से, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नेतृत्व वाली संघीय सरकार का मकसद बजट घाटे को कम करना और अपने कर संग्रह को व्यापक बनाना है.
फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) ने एक एसआरओ जारी किया है, जिसमें 115 अरब रुपये के कर संग्रह के लिए मानक 17 प्रतिशत सामान्य बिक्री कर (जीएसटी) को बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि शेष 55 अरब रुपये वित्त (अनुपूरक) विधेयक 2023 या 'मिनी-बजट' के अन्य उपायों से उत्पन्न होंगे.
(इनपुट - ANI)
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