WATCH: PAK को उठानी पड़ी शर्मिंदगी, जब रूसी विदेश मंत्री ने हिना रब्बानी खार से पूछ लिया ये सवाल
Pakistan Russia Relations: रूस-पाकिस्तान के बीच अलग से द्वीपक्षीय बैठक का आयोजन समरकंद में किया गया था. यहां तालिबान शासित अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा करने के लिए अफगानिस्तान के पड़ोसी देश जुटे थे.
Pakistan News: समरकंद में रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान पाकिस्तानी विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार को उस वक्त शर्मिंदा होना पड़ा, जब उनकी टीम की अनुपस्थिति के बारे में उनसे सवाल पूछा गया. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रब्बानी से यह सवाल पूछा.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लावरोव और रब्बानी दोनों राजनयिक टेबल पर आमने-सामने बैठे थे. लावरोव के साथ उनकी पूरी टीम बैठी थी जबकि हिना रब्बान के दाईं ओर केवल एक राज्य अधिकारी था, और बाकी कुर्सियां खाली थीं.
इस पर लावरोव ने पूछा, आपकी बाकी टीम कहां है? हिना रब्बानी ने जवाब दिया कि हमारे पास छोटी टीम है और बाकी लोग बाद में आएंगे. हम एक छोटी टीम के साथ यात्रा कर रहे हैं और यहां भी हमारा एक छोटा सा दूतावास है.
‘हम रूस जैसी बड़ी शक्ति नहीं’
इसके बाद हिना रब्बानी खार ने कहा, ‘हम रूस जैसी बड़ी शक्ति नहीं हैं’, इस पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जवाब दिया कि ऐसी बातें 'दोस्तों' के लिए मायने नहीं रखतीं. उन्होंन कहा, ‘बहुत विनम्र मत बनो. हम दोस्त हैं और दोस्त इन बातों की परवाह नहीं करते हैं.’
तालिबान शासित अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा करने के लिए अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के लिए 13 अप्रैल, 2023 को समरकंद शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था. बैठक में चीन, ईरान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. इसी सम्मेलन के दौरान रूस-पाकिस्तान के बीच अलग से द्वीपक्षीय बैठक का आयोजन किया गया.
बिलावल भुट्टो रहे अनुपस्थित
हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शिखर अनुपस्थित रहे. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता का नेतृत्व करने के लिए उनकी जूनियर हिना रब्बानी को करना पड़ा. बता दें आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान रूस से सस्ता तेल खरीदना चाहता है.
पाकिस्तान की बिगड़ती आर्थिक सेहत
यह घटना इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था ने आम जनता से लेकर सत्ता में शीर्ष पर बैठे लोगों को भी प्रभावित किया है. आधिकारिक दौरों पर छोटा प्रतिनिधमंडल इसी आर्थिक तंगी का सबूत है. इस साल फरवरी में, पाकिस्तान सरकार ने अपने सरकारी खजाने को और घटन से बचाने के लिए कई उपाय किए. रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कैबिनेट मंत्रियों और सलाहकारों को अपने वेतन और भत्तों को छोड़ने और विदेश यात्राओं के दौरान पांच सितारा होटलों में नहीं रहने के लिए कहा था.
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