Imran Khan News: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने जीवन की सबसे कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है. वह अपने करीबी सहयोगियों द्वारा इस्लामाबाद में उनकी गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हुई हिंसा के मद्देनजर पार्टी छोड़ने की घोषणा के बाद एक गंभीर राजनीतिक अलगाव से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.


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पीटीआई से अपने प्रस्थान की घोषणा करने वाले नेताओं की सूची में पूर्व रक्षा मंत्री परवेज खट्टक और नेशनल असेंबली के पूर्व अध्यक्ष असद कैसर भी शामिल हैं.


अल्लाह ऐसी घटना को दोबारा होने से रोके
खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ प्रांत में पार्टी के अध्यक्ष रहे खट्टक ने कहा,  ‘9 मई को कुछ भी अच्छा नहीं हुआ, मैंने पहले भी इस घटना की निंदा की है, अल्लाह ऐसी घटना को दोबारा होने से रोके. देश का राजनीतिक माहौल खराब है. मैंने पार्टी का पद छोड़ने का फैसला किया है. मैं दोस्तों के साथ विचार-विमर्श के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करूंगा.’


अभी हाल ही में, देश में राजनीतिक संकट का समाधान खोजने के लिए प्रस्तावित बैठक में खट्टक और कैसर को पीटीआई वार्ता टीम के हिस्से के रूप में नामित किया गया था.


100 अधिक नेताओं ने की पार्टी छोड़ने की घोषणा
9 मई की अराजकता के बाद से पीटीआई के 100 से अधिक नेताओं ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की है. हालांकि, सभी पीटीआई नेताओं द्वारा उनके प्रस्थान के लिए दिए गए बयानों और तर्कों की निरंतरता ने खान के साथ उनकी असहमति के सही कारण पर कई सवाल खड़े किए हैं.


पार्टी छोड़ने की घोषणा करने वाले पहले व्यक्ति से लेकर 102वें तक, ऐसा लगता है कि सभी एक ही पंक्तियों को, एक ही क्रम में और ऐसे भावों के साथ पढ़ रहे हैं. पीटीआई के सूचना सचिव रऊफ हसन ने कहा, सभी को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया.


इमरान खान का क्या है कहना?
खान कह रहे हैं कि उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्तार्ओ का अपहरण कर लिया जाता है, सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है और अधिकारियों और देश की खुफिया एजेंसियों द्वारा गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है. ऐसा लगता है कि वे सभी जो एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने और पार्टी छोड़ने की घोषणा करने के लिए सहमत हैं, जेलों से मुक्त हो गए हैं.


खान ने कहा, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के न्यायाधीश ने हमारी पार्टी के एक नेता से कहा कि वे आपको तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक आप प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘इस समय देश में कोई लोकतंत्र या कानून का शासन नहीं है.’


सरकार का क्या है कहना?
दूसरी ओर, सरकार का कहना है कि पार्टी छोड़ने वालों ने खान की राजनीति के पीछे के असली एजेंडे को देखा है.


सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा, उन सभी ने अब इमरान खान का असली चेहरा देखा है, जो अन्य सभी को बस के नीचे फेंक रहे हैं और उन्हें बाहर आने और उनके लिए लड़ने के लिए कह रहे हैं, जबकि वह खुद अपने आवास की दीवारों के पीछे छिप जाते हैं और जवाबदेही से बचने की कोशिश करते हैं.


सरकार की पीटीआई नेताओं, कार्यकर्ताओं पर गंभीर कार्रवाई
9 मई को इस्लामाबाद से पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी पर उनके नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा आक्रामक और हिंसक प्रतिक्रिया के बाद पीटीआई और खान ने खुद को गहरे संकट में फंस गए हैं. भीड़ के हमलों, तोड़फोड़, लूटपाट और सैन्य प्रतिष्ठानों और राज्य के स्वामित्व वाली इमारतों को नष्ट करने के अभूतपूर्व दृश्य थे.


प्रदर्शनकारियों ने रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू), लाहौर में कॉर्प्स कमांडर हाउस और देश भर में अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया.


तब से, सरकार और सैन्य प्रतिष्ठान ने पीटीआई नेताओं और कार्यकर्तार्ओं के खिलाफ एक गंभीर और आक्रामक कार्रवाई शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है, 9 मई के दंगों का हिस्सा होने के आरोप में 1,000 से अधिक इमरान समर्थकों को गिरफ्तार किया और आतंकवाद विरोधी अदालतों में मुकदमे शुरू किए.


(इनपुट - एजेंसी)