कोरोना के मारे पाकिस्तानियों को नहीं मिल रही पेरासिटामोल, दुकानों से गायब हुई दवा
पाकिस्तान में इन दिनों पेरासिटामोल की भारी कमी है. अधिकांश शहरों में दुकानों से ये दवा गायब हो गई है. कोरोना और डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच पेरासिटामोल की किल्लत से देश में हाहाकार मच गया है.
इस्लामाबाद: कोरोना और डेंगू (Corona & Dengue) से जूझ रहे पाकिस्तान में पेरासिटामोल (Paracetamol) का अकाल पड़ गया है. ज्यादातर शहरों से बुखार या दर्द के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ये दवा गायब है. इस बीच, पाकिस्तान की ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ने लाइसेंस होने के बावजूद पेरासिटामोल नहीं बनाने वालीं 15 दवा कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. बता दें कि पाकिस्तान (Pakistan) में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और डेंगू पीड़ितों की संख्या भी बढ़ी है. ऐसे में पेरासिटामोल की कमी से हाहाकार मच गया है.
इस वजह से बढ़ गई है खपत
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में पाकिस्तानी अखबार DAWN के हवाले से छपी खबर के अनुसार, पेरासिटामोल पाकिस्तान के ज्यादातर शहरों में उपलब्ध नहीं है और कथित तौर पर इसे ब्लैक में बेचा जा रहा है. पाकिस्तान इस समय कोरोना (Corona) की पांचवीं लहर का सामना कर रहा है और देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 100,000 हो गई है. कोरोना के मरीजों को पेरासिटामोल लेने की सलाह दी जाती है. ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने से इस दवा की खपत भी बढ़ गई है. इसके साथ ही पेनकिलर के तौर पर भी पेरासिटामोल का इस्तेमाल किया जाता है. जिसके चलते अधिकांश शहरों में दवा की कमी हो गई है.
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Medical Experts ने कही ये बात
पाकिस्तान के ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (Drap) के एक अधिकारी ने दर्द निवारक दवा पेरासिटामोल की कमी के लिए डेंगू के मामलों की बढ़ती संख्या और कोरोना संक्रमण को जिम्मेदार ठहराया है. अथॉरिटी ने 15 दवा कंपनियों को लाइसेंस होने के बावजूद पेरासिटामोल का निर्माण करने में विफल रहने पर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. हालांकि, मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि दवा बनाने वाली कंपनियों के पास कच्चे माल की काफी कमी है, जिस वजह से वह दवा बनाने में असमर्थ हैं.
नेशनल पॉजिटिविटी रेट 9.65 प्रतिशत
पाकिस्तान में फिलहाल कोरोना का नेशनल पॉजिटिविटी रेट 9.65 प्रतिशत है और पिछले 24 घंटों में 32 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. वहीं, ओमिक्रॉन वेरिएंट के तेजी से प्रसार के बीच, देश में COVID-19 प्रतिबंधों को भी 31 जनवरी से बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया है. उधर, डेंगू के मामलों में भी तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिससे देश में पेरासिटामोल की भारी किल्लत हो गई है. गौरतलब है कि ज्यादातक डॉक्टर दर्द और बुखार से राहत के लिए पेरासिटामोल की सलाह देते हैं. खासतौर से कोरोना महामारी के दौरान बुखार कम करने के लिए पेरासिटामोल का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है.