नई दिल्ली: जम्‍मू-कश्‍मीर में आर्टिकल 370 में बदलाव के बाद पाकिस्तान (Pakistan) की बौखलाहट बरकरार है. चीन, अमेरिका समेत विश्‍व बिरादरी में इस मुद्दे को उठाने के बावजूद पाकिस्‍तान को कोई समर्थन नहीं मिला. चीन ने उसको नसीहत दी तो अमेरिका ने भी पल्‍ला झाड़ लिया. संयुक्‍त राष्‍ट्र के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने तो कश्‍मीर मुद्दे पर जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा. हद तो तब हो गई जब पाकिस्तान (Pakistan)के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान जारी करके कहा, 'कुछ दलों द्वारा कश्मीर के मुद्दे को अफगानिस्तान के साथ जोड़ने से कुछ हासिल नहीं होगा.


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क्योंकि यह मुद्दा अफगानिस्तान से संबंधित नहीं है और न ही अफगानिस्तान को अन्य देशों के बीच प्रतिस्पर्धा के रंगमंच में बदलना चाहिए.' इसके बाद पाकिस्तान (Pakistan)की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसे हो गई है. अब पाकिस्तान (Pakistan)ने अफगानिस्तान से कहा है कि वह क्षेत्र में तनाव के बीच भारत के हाथ में खेलने से बचे. पाकिस्तानी अखबार 'द नेशन' ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है.



अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने अफगानिस्तान को पाकिस्तान (Pakistan)द्वारा किए जा रहे शांति प्रयासों और पाकिस्तान (Pakistan)में पनाह लिए लाखों अफगानिस्तानियों के बारे में याद दिलाया है. एक अधिकारी ने कहा, "हमने अफगानिस्तान से कहा है कि वह पाकिस्तान (Pakistan)की कड़ी प्रतिक्रिया से बचने के लिए सीमा पर शांति रखे.


पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से कहा कि, वह भारत के हाथ में न खेले.
हम सीमापार के हमलों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. अफगानिस्तान से कहा गया है कि वह भारत के हाथ में न खेले. हमारा मानना है कि भारत उन्हें (अफगानिस्तान को) गुमराह कर रहा है." एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) ने अफगानिस्तान को सावधान कर दिया है कि उसकी नरमी को उसकी कमजोरी समझने की भूल न की जाए.


पाकिस्तान (Pakistan)जवाब देने का अधिकार रखता है. हाल ही में अफगानिस्तान-पाकिस्तान (Pakistan)सीमा पर दीवार बनाने के काम के दौरान हुई गोलीबारी में तीन पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया था.


इनपुट आईएएनएस से भी