Pakistan: पत्रकार अरशद शरीफ हत्या मामला, ISI चीफ और डीजी ISPR ने किया बड़ा खुलासा
Pakistan News: इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के DG मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार शरीफ की मृत्यु को `दुर्भाग्यपूर्ण घटना` बताया और उन्हें `पाकिस्तान में पत्रकारिता का प्रतीक` कहा. उन्होंने ने कहा कि शरीफ की मौत से जुड़े तथ्यों का पता लगाने की जरूरत है.
Pakistan Journalist Murder Case: इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के DG मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के साथ पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात की. प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में जनरल इफ्तिखार ने कहा कि आज की मीडिया वार्ता का उद्देश्य केन्या में पत्रकार अरशद शरीफ की हत्या और उसके आसपास की परिस्थितियों पर प्रकाश डालना था. उन्होंने कहा कि शरीफ की मृत्यु को "दुर्भाग्यपूर्ण घटना" बताया और उन्हें "पाकिस्तान में पत्रकारिता का प्रतीक" कहा. बता दें अरशद शरीफ की केन्या में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
जनरल इफ्तिखार ने कहा कि 5 अगस्त को केपी (खैबर पख्तूनख्वा) सरकार ने पत्रकार अरशद शरीफ के बारे में चेतावनी जारी की थी. यह चेतावनी केपी के मुख्यमंत्री के विशेष निर्देश पर जारी की गई थी. इसमें चेतावनी दी गई थी कि अफगानिस्तान स्थित टीटीपी ने स्पिनबोल्डक में एक बैठक की जो रावलपिंडी या आसपास के इलाकों में अरशद शरीफ को निशाना बनाना चाहता है. उन्होंने कहा कि संघीय सरकार या सुरक्षा संस्थानों के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की गई थी कि केपी सरकार को यह जानकारी किसने और कैसे दी कि अरशद को निशाना बनाया जाएगा.
'अरशद शरीफ की मौत से जुड़े तथ्यों का पता लगाने की जरूरत'
जनरल इफ्तिखार ने कहा कि यह दर्शाता है कि चेतावनी इस मानसिकता के साथ जारी की गई थी कि अरशद शरीफ देश छोड़ दें. समा टीवी की ओर कहा गया कि उन्हें बार-बार बताया गया कि उनकी जान को खतरा है. डीजी आईएसपीआर ने कहा कि अरशद शरीफ की मौत से जुड़े तथ्यों का पता लगाने की जरूरत है.
केन्या में रह रहे थे अशरफ
बता दें एआरवाई टीवी’ के पूर्व रिपोर्टर एवं टीवी एंकर तथा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी माने जाने वाले अरशद शरीफ (49) केन्या में रह रहे थे. अगस्त में अरशद शरीफ पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी शहबाज गिल का साक्षात्कार करने को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
साक्षात्कार में गिल ने देश की शक्तिशाली सेना के खिलाफ खान को खड़ा करने की कोशिश करने के लिए शहबाज शरीफ सरकार की आलोचना की थी. अरशद शरीफ बाद में देश छोड़कर चले गए, जबकि ‘एआरवाई नेटवर्क’ ने कहा कि उसने पत्रकार से अपने रास्ते ‘‘अलग’’ कर लिए हैं.
अरशद शरीफ के पाकिस्तान छोड़ने के एक महीने बाद, एआरवाई टेलीविजन ने उन्हें यह कहते हुए नौकरी से निकाल दिया कि उन्होंने टीवी स्टेशन गुरुवार को प्रसारित होने वाले उनके शो ‘पावरप्ले‘ को बंद कर दिया गया था.
अरशद शरीफ का जन्म 1973 में कराची में हुआ था और उन्होंने तीन दशक पहले अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी. उन्हें 2019 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा ‘प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
(इनपुट - एजेंसी)
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