Pakistan: रोटी के लिए तरस रहा पाकिस्तान, लेकिन राष्ट्रपति अल्वी को हो रही अपनी सैलरी बढ़ाने की चिंता
Pakistan Crisis: खरबों रुपये के कर्ज में धंसे और आसमान छू रही महंगाई के देश पाकिस्तान के राष्ट्रपति को अपनी सैलरी कम लग रही है. मुल्क की खस्ता हालत के बीच अल्वी ने अपनी सैलरी बढ़ाने के लिए चिठ्ठी लिखी तो सोशल मीडिया पर बवाल मच गया.
Pakistan President Alvi Salary Hike: पाकिस्तान की हालत डांवाडोल है. अर्थव्यस्था ध्वस्त होने के कगार पर है. पूरा मुल्क कर्ज में डूबा है. बदहाली से जूझ रहा है. वहां बुनियादी जरूरतें पूरा करने के लिए फंड नहीं है. सरकार के पास कैश नहीं है. विदेशी मुद्रा भंडार जीरो होने वाला है. महंगाई आसमान छू रही है. फल और सब्जियों की कीमतों में आग लगी है. फौज के पास युद्धाभ्यास करने के लिए डीजल नहीं है. अस्पताल में दवाई नहीं है. जनता के पास आटा और सिलेंडर नहीं है. खंभों में बिजली नहीं है. बैंक खाते में पैसा नहीं है. ऐसे हालातों से बेपरवाह राष्ट्रपति आरिफ अल्वी मालामाल होना चाहते हैं.
कितनी सैलरी बढ़वाना चाहते हैं राष्ट्रपति?
राष्ट्रपति अल्वी अपने वेतन में ठीक ठाक बढ़ोतरी चाहते हैं. पाक सरकार के दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि राष्ट्रपति अल्वी दो बार वेतन वृद्धि की मांग कर चुके हैं. ठाठ से रहते हैं, महंगी गाड़ी में चलते हैं. पैसा-कौड़ी की चिंता नहीं है लेकिन उन्हें सैलरी कम लगती है. पहली बार उन्होंने 1 जुलाई 2021 को और दूसरी बार 1 जुलाई 2023 को सैलरी बढ़ाने के लिए चिठ्ठी लिखी थी. पाकिस्तानी राष्ट्रपति की मंथली सैलरी फिलहाल तो 8,46,550 पाकिस्तानी रुपए है. लेकिन वो आज के हिसाब से 12,29,190 रुपए प्रति महीना सैलरी चाहते हैं.
चीफ जस्टिस की सैलरी में हाईक का हवाला
'जियो टीवी' की रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से लिखे गए अनुरोध पत्र में अल्वी ने लिखा, 'चीफ जस्टिस की सैलरी में 2021 से लेकर 2023 तक की अवधि तक में सैलरी में दोगुना इजाफा हुआ. यह सैलरी राष्ट्रपति के आदेश पर बढ़ाई गई. चीफ जस्टिस का वेतन 1 जुलाई 2021 से 1,024,324 लाख रुपये प्रति महीना और 1 जुलाई 2023 से 1,229,189 प्रति महीना हो गया. लेकिन, राष्ट्रपति का वेतन किसी भी सार्वजनिक पद धारक यानी पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के वेतन से एक रुपये अधिक के निर्धारित सिद्धांत के संबंध में भी नहीं बढ़ाया गया.
मांग पूरी हुई तो तगड़ा एरियर मिलेगा
राष्ट्रपति सचिवालय की सिफारिश के बाद मामले को कानून मंत्रालय के साथ वित्त विभाग को भेजा गया है. इस प्रस्ताव में 22 अगस्त को राष्ट्रपति (वेतन, भत्ते और विशेषाधिकार) अधिनियम, 1975 की चौथी अनुसूची में संशोधन के माध्यम से राष्ट्रपति के वेतन में प्रस्तावित वृद्धि का भी समर्थन किया गया है. इस मांग के पूरा होने पर उन्हें काफी बड़ी रकम एरियर के रूप में भी मिलेगी.