Pakistan News: भारत से टूटकर अलग हुए पाकिस्तान (Pakistan) को 75 साल हो चुके हैं लेकिन पहचान का संकट अब भी उसके लिए भारी है. भारत की ओर से जैसे ही उसके अतीत के बारे में बात की जाती है या सच का आइना दिखाया जाता है, वह भड़क जाता है. अब भारत की ओर से 14 अगस्त को "विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस ​​मनाने के फैसले से पाकिस्तान आग-बबूला है. पाकिस्तान ने बयान जारी करके कहा है कि भारत आज भी उससे जलता है और उसकी आजादी को स्वीकार नहीं कर पा रहा है. 


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पाकिस्तान 14 अगस्त को मनाता है स्वतंत्रता दिवस


'डॉन' न्यूज की वेबसाइट के मुताबिक पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बयान जारी कर 14 अगस्त को "विभाजन भयावह स्मरण दिवस" ​​मनाने के भारत सरकार के फैसले की आलोचना की. मंत्रालय ने कहा कि 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस होता है. ऐसे में इस दिन को विभाजन विभीषिका दिवस घोषित कर भारत सरकार ने शरारतपूर्ण कदम उठाया है, जिसकी निंदा की जानी चाहिए. 


'माइग्रेशन पर गलत जानकारी पढ़ा रहा भारत'


पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली भारत सरकार, इतिहास की विकृत व्याख्या करके लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. वह 1947 में आजादी के बाद बड़े लेवल पर हुए मास माइग्रेशन के लिए लोगों को गलत जानकारी पढ़ा रही है. 


पाकिस्तानी (Pakistan) विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, "अगर भारतीय नेता वास्तव में पीड़ा, गुस्से और दर्द की परवाह करते हैं तो उन्हें भारत में रह रहे मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति में सुधार करने के लिए काम करना चाहिए." पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत के पिछले 7 दशक धर्मनिरपेक्षता के नाम पर एक दिखावा थे. 


'भारत एक अघोषित हिंदू राष्ट्र बन चुका'


तथ्य यह है कि आज का भारत एक अघोषित 'हिंदू राष्ट्र' बन चुका है, जिसमें अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के लिए कोई स्थान या सहिष्णुता नहीं है. उन्हें व्यापक रूप से भेदभाव, उत्पीड़न और राजनीतिक, सामाजिक-आर्थिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है. 


पाकिस्तान (Pakistan) विदेश मंत्रालय ने भारत को बिना मांगी सलाह देते हुए कहा कि वह स्वतंत्रता से जुड़ी घटनाओं का राजनीतिकरण तुरंत रोक दे और इसके बजाय उन सभी की यादों का ईमानदारी से सम्मान किया जिन्होंने सभी के बेहतर भविष्य के लिए बलिदान दिया.


शरणार्थी कॉलोनियों में होंगे कार्यक्रम


भारतीय अखबार द हिंदू के अनुसार, 14 अगस्त को स्मरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों के आजादी के संघर्ष और बलिदान को याद करने के लिए लिया है. इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए देश की 75 शरणार्थी कॉलोनियों में 14 अगस्त को मौन मार्च निकाला जाएगा. साथ ही देश की यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों समेत 5,000 से अधिक स्थानों पर विभाजन से जुड़ी प्रदर्शनियां भी लगाई जाएंगी.


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