पाकिस्तान ने साल 2018 में देखी शरीफ की रवानगी, इमरान की ताजपोशी
करतारपुर गलियारा खोलने की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी है. उम्मीद है कि यह गलियारा अगले साल गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले पूरा हो जाएगा.
इस्लामाबादः पाकिस्तान वर्ष 2018 में पीएमएल-एन तथा पीपीपी का वर्चस्व तोड़कर, क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए इमरान खान की सत्ता में ताजपोशी का गवाह रहा. इमरान ने प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के साथ संबंध सुधारने की पहल करते हुए करतारपुर गलियारा खोल दिया. हालांकि साल 2016 में पाकिस्तान में बसे आतंकियों के हमलों के कारण भारत के साथ पड़ोसी देश के रिश्तों में आया तनाव बीतने जा रहे बरस में भी बरकरार रहा. करतारपुर गलियारा खोलने की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी है. उम्मीद है कि यह गलियारा अगले साल गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले पूरा हो जाएगा.
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पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस संबंध में कहा, ‘‘करतारपुर ही एकमात्र पहल नहीं है. प्रधानमंत्री इमरान खान ने सितंबर में अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कश्मीर सहित सभी मुद्दों के हल के लिए बातचीत की पेशकश भी की थी.’’ उन्होंने कहा ‘‘लेकिन न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से अलग दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक भारत ने रद्द कर दी जिसके बाद हमारी पहल पर भी पानी फिर गया.’’
रक्षा विश्लेशक तलत मसूद ने बताया कि करतारपुर गलियारा विश्वास बहाली के लिए एक बेहतर पहल है. उन्होंने कहा, ‘‘इससे उत्पन्न खुशनुमा माहौल बनाए रखने के लिए और कदम उठाए जाने चाहिए.’’ पाकिस्तान ने भारत के नागरिक हामिद निहाल अंसारी को हालांकि छह साल बाद रिहा कर दिया लेकिन मौत की सजा का सामना कर रहे कुलभूषण जाधव को लेकर उसका रुख नरम नहीं हुआ.
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पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की दो दशक की मेहनत इस साल रंग लाई और देश के दो मुख्य राजनीतिक दलों पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) तथा पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) को पीछे छोड़ते हुए उनकी पार्टी ने देश की सत्ता हासिल की. प्रधानमंत्री मोदी ने खान को बधाई दी. इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त ने इमरान से मिलकर उन्हें भारतीय टीम के हस्ताक्षर वाला क्रिकेट का बल्ला भेंट किया. इमरान के करीबी आरिफ अल्वी देश के नए राष्ट्रपति निवार्चित हुए.