Pakistani Channel Fight Video: पाकिस्तान (Pakistan) में फिलहाल कोई चुनी हुई सरकार नहीं है. शहबाज सरकार का कार्यकाल खत्म होने के बाद वहां कार्यकारी सरकार काम कर रही है. चुनाव आयोग ने अगले साल जनवरी में चुनाव कराने की बात कही तो इमरान खान की पार्टी इसका विरोध करने लगी. इस बीच पाकिस्तान के एक टीवी चैनल में इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी PTI और शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) की पार्टी PMLN के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर थप्पड़ बरसाए. पाकिस्तान की राजनीति में आजकल कुछ ऐसे ही हैरत-अंगेज कारनामे देखने को मिल रहे हैं.


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पाकिस्तानी चैनल में क्यों चले लात-घूंसे? 


पाकिस्तान के न्यूज़ चैनल के स्टूडियो में डिबेट हो रही थी. अचानक शर्ट-पैंट पहनकर बैठा एक मेहमान कुर्ता-पजामा पहने शख्स पर हाथ छोड़ देता है. एक ने हाथ छोड़ा, तो दूसरे ने भी उसका कॉलर पकड़ा और जोर से उसे पीछे धकेल दिया. लड़ते-लड़ते ये दोनों फ्रेम के बाहर चले गए. मगर, ये दोनों हैं कौन? ऐसा क्या हुआ कि ये दोनों नेशनल टेलीवीजन पर हाथापाई करने लगे?



किस-किसके बीच हुई लड़ाई?


दरअसल, शर्ट-पैंट पहने बैठे ये जनाब इमरान खान की पार्टी PTI के वकील शेर अफजल हैं और जिनपर ये हाथ छोड़ रहे हैं वो शहबाज शरीफ की पार्टी PMLN के सांसद अफ्नाउल्लाह खान हैं. बताया जा रहा है कि डिबेट के दौरान अफ्नाउल्लाह के इमरान खान पर की गई टिप्पणी से शेर अफजल नाराज हो गए और फिर पाकिस्तानी चैनल का ये स्टूडियो अखाड़ा में तब्दील हो गया.


जब पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मारा थप्पड़


इसी तरह साल 2021 में पाकिस्तान की पूर्व केंद्रीय मंत्री रहीं फिरदौस आशिक अवान ने लाइव डिबेट के दौरान PPP पार्टी के नेता अब्दुल कादिर का कॉलर पकड़ लिया और फिर उन्हें जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था. इससे पहले भी पाकिस्तान के सियासतदानों ने अपना असली चरित्र ON AIR दिखाया था. 4 साल पहले PTI लीडर मसरूर अली ने एक डिबेट शो के दौरान पाकिस्तानी पत्रकार को थप्पड़ मारा था. गौरतलब है कि पाकिस्तान के टीवी चैनलों में नेताओं की हाथापाई आम है.


पाकिस्तान कोर्ट में ड्रामा


कुछ समय पहले एक ड्रामा पाकिस्तान की अदालत में देखने को मिला और इस बार किरदार थे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान. तोशाखाना मामले में उन्हें जिस तरह से कोर्ट में पेश किया गया उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हुई और मजाक भी बनाया गया. टीवी, सड़क और कोर्ट के साथ पाकिस्तान की संसद में भी इस तरह की नौटंकी देखी जाती है. पिछले साल अविश्वास प्रस्ताव के दौरान PTI के नेताओं ने तत्कालीन प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सामने जाकर उन्हें भिखारी कहकर चिढ़ाने लगे.


जब शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री थे. तब उनकी बॉडी लैंग्वेज को देखकर भी ऐसा लगता था मानो वो हर जगह कटोरा लेकर ही जाते हों. एक दफा तो उन्होंने इस बात को स्वीकार भी कर लिया कि दुनिया उन्हें भिखारी समझती है. शहबाज ने कहा था कि मैं सऊदी अरब होकर आया हूं, मैं UAE होकर आया हूं, अभी मैं तुर्की से आया हूं. मैंने उन भाइयों को कहा कि आप मेरे भाई हैं, आपने हमेशा मदद की. मैं आया हूं तो आप समझेंगे कि मैं मांगने आया हूं. मैं मांगने नहीं आया, लेकिन मजबूरी है.