Pakistan Economic Crisis: भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है. पाकिस्तान महंगाई और भुखमरी से जूझ रहा है. यहां पर रोजमर्रा के सामानों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल रही है. पाकिस्तान की आम जनता महंगाई से त्रस्त आ चुकी है. पेट्रोल-डीजल जैसे जरूरी चीजों के लिए भी पाकिस्तान की आवाम को मोटी रकम चुकानी पड़ रही है. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को आईएमएफ से साल 2019 में 6 बिलीयन डॉलर की सहायता मिली थी. इसके बाद भी आईएमएफ ने पिछले साल एक बिलीयन डॉलर की सहायता राशि और पाकिस्तान को दी. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि हमने आईएमएफ (IMF) डेलिगेशन से बात की है, उनको बताया है कि हमारे फाइनेंस मिनिस्टर और उनकी टीम के लिए ये कठिन समय है. उनके इस बयान को पब्लिक में कहे जाने पर चंद घंटों के अंदर पाकिस्तानी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तेजी से नीचे गिरा.


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इससे पहले पिछले सप्ताह भी पाकिस्तानी रुपया कमजोर पड़ा था. प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने इस बात को खुलकर स्वीकार किया कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे पास संसाधनों की कमी है और देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. पाकिस्तान के पेशावर में पाक पीएम उत्तर पश्चिमी शहर में नागरिकों और सैन्य नेताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे.  


पाक पीएम पेशावर में हुए आतंकवादी बम धमाके में मारे गए सैनिकों पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे, जहां उन्होंने यह बात कही. आपको बता दें कि आईएमएफ डेलिगेशन इन दिनों पाकिस्तान का दौरा कर रहा है और डेलिगेशन विस्तारित फंड सुविधा की 9 वीं समीक्षा को मंजूरी देने के लिए पाकिस्तान गया हुआ है. इसका उद्देश्य भुगतान संतुलन संकट का सामना कर रहे देशों की मदद करना है. इसके अलावा आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने कई ऐसी मांगे रखी हैं जिसकी वजह से पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच सकती है. अगर पाकिस्तान आईएमएफ के शर्तों को मानता है तो वहां ईंधन की कीमतों में तेजी से इजाफा देखने को मिलेगा.


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