Pakistan News: पाकिस्तान में भारी अर्थिक संकट के बीच बड़ी संख्या में नागरिक देश छोड़ने चाहते हैं. प्रसिद्ध अर्थशास्त्री आतिफ मियां के अनुसार, आगामी आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता, बढ़ती खाद्य मुद्रास्फीति और आतंकवादी हमलों में वृद्धि के कारण बड़ी संख्या में पाकिस्तानी देश छोड़ने को तैयार हैं.


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आतिफ मियां अहमदी समुदाय से आते हैं जिन्हें पाकिस्तान में भेदभाव झेलना पड़ता है. अपने धार्मिक विश्वास के कारण उन्हें पांच साल पहले अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी. उनका वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) में पाकिस्तान के साथ क्या गलत चल रहा है.


गूगल पर वीजा को सर्च कर रहे पाकिस्तानी
अर्थशास्त्री आतिफ मियां ने बिगड़ते आर्थिक हालात पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान एक ऐसी जगह है जहां निवेशक फिलहाल जाने को तैयार नहीं हैं और उनके मुताबिक अगर आप गूगल ट्रेंड्स पाकिस्तान को देखें तो सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले शब्दों में 'वीजा' शब्द शामिल है.


वीओए ने बताया कि उनके अनुसार, भारत या बांग्लादेश में इतनी बड़ी संख्या में सर्च नहीं देखी जाती हैं, जिससे पता चलता है कि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी देश छोड़ने को तैयार हैं


सरकार ने लोगों के बीच विश्वसनीयता खोई
आतिफ मियां के मुताबिक राजनेता हों, नौकरशाह हों या सैन्य प्रतिष्ठान, उनके खराब राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक फैसलों ने देश को उस मुकाम पर पहुंचा दिया है, जहां आज सरकार लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है.


आतिफ मियां ने ट्वीट किया, ‘हाल के आंकड़ों में गोता लगाने से पता चलता है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर रही है. सबसे पहले, निर्यात...कोविड के बाद निर्यात में वैश्विक उछाल आया था, लेकिन 2022 की दूसरी तिमाही के आसपास, भारत और बैंग के सापेक्ष पाक निर्यात में गिरावट आई - अंतर अब 20 प्रतिशत से अधिक है.’


अर्थव्यवस्था संकट से तबाही की ओर जा रही
आतिफ मियां ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट से तबाही की ओर जा रही है. उन्होंने कहा, ‘सिस्टम अनियंत्रित हो रहा है. हम इसे बढ़ती स्थिर मुद्रास्फीतिकारी ताकतों में देख सकते हैं: विकास तेजी से गिर रहा है, और कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं.’


समस्याओं का समाधान आर्थिक विकास में
आतिफ मियां के मुताबिक पाकिस्तान की समस्याओं का समाधान आर्थिक विकास में निहित है, लेकिन निवेश के बिना विकास संभव नहीं है और विकास के लिए बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए सरकार के पास धन नहीं है, वीओए की रिपोर्ट.


 


अर्थशास्त्री ने आगे कहा कि पाकिस्तान का ‘नर्वस सिस्टम’ (प्रशासनिक और राजनीतिक संरचनाओं का एक संयोजन जो अर्थव्यवस्था में एक निश्चित स्तर के विश्वास की गारंटी देता है) मौलिक रूप से टूटा हुआ है और देश को एक कार्यशील तंत्रिका तंत्र का निर्माण किसी तरह शुरू करना चाहिए.


विकास के लिए सामाजिक बदलाव भी जरूरी
आतिफ मियां ने कहा कि पाकिस्तान के विकास के लिए सामाजिक बदलाव भी जरूरी है. उन्होंने सवाल किया कि जिस समाज में महिलाएं अपनी शैक्षिक योग्यता के बावजूद सत्ता के पदों पर नहीं हैं, जहां सामाजिक और धार्मिक असहिष्णुता है, वहां कोई समाज कैसे आगे बढ़ सकता है. उनके अनुसार सामाजिक परिवर्तन की यह प्रक्रिया भी शासकों को ही लानी होगी. उन्होंने सऊदी अरब का उदाहरण देते हुए कहा कि सऊदी अरब ने भी महसूस किया कि आगे बढ़ने के लिए सहनशीलता बढ़ानी होगी.


(इनपुट - ANI)


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