नई दिल्ली: कश्मीर (Kashmir) से आर्टिकल 370 (Aricle 370) हटाए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) अपनी बौखलाहट के तहत आए दिन भारत के खिलाफ नयी-नयी साजिशें रच रहा है. खुफिया एजेंसियां यह पहले ही साफ कर चुकी हैं कि लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) से लेकर पाकिस्तान ऑक्युपाइड कश्मीर (Pak Occupied Kashmir) तक आतंकियों के अलग-अलग ग्रुप घुसपैठ करने की फिराक में हैं. इस बीच अगर सूत्रों की मानें तो खुफिया एजेंसियों को पाकिस्तान की एक और नयी साजिश (Conspiracy) का पता चला है. नयी साजिश के तहत पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के इशारे पर आतंकियों के एक समूह को कराची (Karachi) में हिंदी भाषा (Hindi Language) की ट्रेनिंग दी जा रही है. यह कोचिंग कराची में क्लिफटन के डिफेंस हाउसिंग एरिया के पास एक मदरसे (Madarsa) में दी जा रही है. यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि यह मदरसा अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और उसके भाई अनीस इब्राहिम के ठिकाने से ज्यादा दूर नहीं है. जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान ने इससे पहले भी 26/11 हमलों को अंजाम देने के लिए आतंकियों (Terrorist) के दस्ते को हिन्दू पहनावे (Hindu Attire) के साथ भेजा था ताकि किसी को उन पर शक ना हो लेकिन कसाब समेत कुल 10 आतंकियों की बोलचाल की भाषा ने लोगों के कान खड़े कर दिए थे.


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अंडरवर्ल्ड (Underworld) मामलों के जानकार और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) पी. के. जैन ने जी मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "लोगों को ट्रेनिंग (trainning) देने का यही फायदा है कि यहां के लोगों से आसानी से मिल सकते हैं. उनके आवाज से यह पता नहीं चलेगा कि वह विदेशी हैं या पाकिस्तानी. अगर उन लोगों को हिंदी (Hindi) की ट्रेनिंग दी जाती है तो वहां के लोग को यहां के लोगों से मिलने में आसानी हो जाएगी."



सूत्रों के मुताबिक खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि ट्रेनिंग में हिस्सा ले रही इस टुकड़ी में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के तकरीबन 15 आतंकी (Terrorist) शामिल हैं. इतना ही नहीं इस साजिश में दाऊद (Dawood Ibrahim) के नेटवर्क का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. आतंकियों को हिंदी (Hindi) बोलचाल और एक्सेंट सिखाने के लिए आईएसआई (ISI) ने डी कंपनी (D company) के कुछ गुर्गों को दुबई (Dubai) से कराची (Karachi) बुलाया है. खुफिया एजेंसियों को शक है कि इन आतंकियों को दुबई से होते हुए नेपाल बॉर्डर (Nepal Border) के रास्ते कश्मीर (Kashmir) तक पहुंचाया जा सकता है. जहां ये अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे सकें.


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अंडरवर्ल्ड (Underworld) मामलों के जानकार और रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी पी. के. जैन कहते हैं, "पाकिस्तानियों को मालूम है कि नेपाल से आने का रास्ता या बांग्लादेश के रास्ते से बॉर्डर क्रॉस करना उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं है. खुफिया एजेंसी कहीं ना कहीं से यह इंफॉर्मेशन निकाल कर आतंकवादियों को पकड़ भी लेते हैं."



सूत्रों का दावा है कि खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान (Pakistan) के हर नापाक गतिविधियों पर नजर बनाये रखे हुए हैं. ऐसे में इस ताजा जानकारी को सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी साझा कर उन्हें अलर्ट कर दिया गया है ताकि पाकिस्तान को हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़े.