Pakistan General Election 2023:   पाकिस्तान की सियासत में नरमी-गरमी का माहौल हमेशा से रहा है. 2018 में जब चुनाव हुए तो इमरान खान की पार्टी सरकार बनाने में कामयाब रही लेकिन उस चुनाव के बारे में विपक्षी दलों की धारणा यह थी कि इमरान खान तो सिर्फ मुखौटा हैं. पर्दे के पीछे तो सेना सरकार चला रही है, अपने कार्यकाल के कई फैसलों से वो विवादों में घिरे. विपक्षी दलों का आरोप था कि राजनीतिक प्रतिशोध के तहत राजनीतिक दलों के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. इन सबके बीच उन्हें कुर्सी छोड़ने के लिए बाध्य होना पड़ा और कमान शहबाज शरीफ के हाथों में आ गई. पाकिस्तान में आम चुनाव का रास्ता प्रशस्त करने के लिए  वो राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से नेशनल असेंबली भंग करने की बुधवार को औपचारिक सिफारिश करेंगे. संसद के निचले सदन का पांच साल का कार्यकाल 12 अगस्त को समाप्त होगा.शरीफ ने इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि मौजूदा सरकार का कार्यकाल पूरा होने पर वो नेशनल असेंबली भंग करने के लिए राष्ट्रपति को बुधवार को पत्र लिख सिफारिश करेंगे. इसके बाद एक अंतरिम सरकार सत्ता संभालेगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राष्ट्रपति अल्वी पर टिकी निगाह


राष्ट्रपति अल्वी या तो असेंबली को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी कर सकते हैं और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो 48 घंटे बाद वह स्वत: भंग हो जाएगी. यह दूसरी बार है जब राष्ट्रपति अल्वी असेंबली को भंग करेंगे. इससे पहले पिछले साल अप्रैल में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे भंग करने की सिफारिश की थी. अल्वी ने इसे भंग करने का आदेश दे दिया था, लेकिन बाद में उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को पलट दिया था. डॉन अखबार की खबर के अनुसार, संघीय मंत्रिमंडल की एक अंतिम बैठक भी की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री पिछले साल अप्रैल के बाद से किए गए अपनी सरकार के कार्यों की जानकारी देंगे.


शहबाज शरीफ कर सकते हैं सिफारिश


‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार नेशनल असेंबली का विदाई सत्र दोपहर दो बजे आयोजित किया जाएगा और इस दौरान प्रधानमंत्री असेंबली को संबोधित करेंगे. कैबिनेट बैठक और विदाई सत्र के बाद प्रधानमंत्री असेंबली को भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति को पेश कर सकते हैं. इसके साथ ही वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के संबंध में अंतिम दौर की बातचीत के लिए विपक्षी नेता राजा रियाज से भी मिल सकते हैं. इमरान खान प्रकरण के बाद पाकिस्तान की सियासत गरम है. बता दें कि तोशाखाना मामले में सजा मिलने के बाद इमरान खान जेल में हैं और पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है.


(एजेंसी इनपुट- भाषा)