China Mobile 5g Base Stations: चीन तेजी से अपनी मिलिट्री ताकत बढ़ा रहा है. चीन ने युद्धक्षेत्र में तैनात करने के लिए दुनिया का पहला मोबाइल 5जी बेस स्टेशन तैयार किया है. चीन का यह कदम दुनिया में युद्ध की स्थितियों में बड़ा बदलाव ला सकता है.
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5g Base Stations in China: चीन ने दुनिया का पहला मोबाइल 5G बेस स्टेशन लॉन्च किया है जो युद्ध के मैदान में तैनाती के लिए तैयार है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह एडवांस्ड सिस्टम 3 किलोमीटर के दायरे में 10,000 यूजर्स को हाई स्पीड, अति-सुरक्षित और लो डेटा ट्रांसमिशन उपलब्ध कराएगा. चीनी जर्नल, टेलीकम्युनिकेशंस साइंस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, चाइना मोबाइल कम्युनिकेशंस ग्रुप और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई यह तकनीक दुनिया के युद्ध परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखती है.
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मानवरहित सेना बनाने की दिशा में बड़ा कदम
पीएलए की 31567 यूनिट के वरिष्ठ इंजीनियर होउ जी के नेतृत्व में इस बेस स्टेशन की तैनाती चीन की पृथ्वी पर सबसे बड़ी मानवरहित सेना बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसमें ड्रोन, रोबोट कुत्तों और अन्य रूपों जैसे बुद्धिमान युद्ध मशीनों का उपयोग शामिल है, वो भी बिना इंसान के.
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छोटे एंटीना वाला बेहद इफेक्टिव सिस्टम
इस मोबाइल प्लेटफार्म का एंटीना छोटा है ताकि वह इमारतों और पेड़ों से न टकराए. वहीं इस पर तीन से चार ड्रोन रखे होंगे जो बारीबारी से उड़ान भर सकते हैं और हवाई बेस स्टेशन के रूप में काम कर सकते हैं. अगर किसी ड्रोन की बैटरी खत्म होने वाली है, तो वह काम किसी दूसरे को सौंप सकता है और चार्जिंग के लिए वाहन की छत पर अपने आप उतर सकता है.
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पीएलए ने दावा किया है कि उसने इस सिस्टम पर कई बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया है और यह तब भी बिना किसी समस्या के परफॉर्म करता है जब PLA सैनिक पहाड़ों या शहरों जैसे जटिल इलाकों में 80 किमीघंटा 50 मील प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहे हों. दुश्मन का विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप हो, तब भी यह सिस्टम 10 गीगाबिट प्रति सेकंड की कनेक्टिविटी देता है. वह भी 15 मिलीसेकंड से कम की विलंबता के साथ. इस तकनीक का पूरा विवरण 17 दिसंबर को चीनी पत्रिका, दूरसंचार विज्ञान में प्रकाशित एक पेपर में दिया है.
चीन बना रहा सबसे बड़ी रोबोटिक सेना
चीन पृथ्वी पर सबसे बड़ी मानव रहित सेना का निर्माण कर रहा है. इसमें शक्तिशाली लेकिन सस्ते ड्रोन, रोबोट कुत्तों और मानव रहित लड़ाकू प्लेटफार्मों शामिल है. साथ ही चीन की इस प्रोग्रेस ने इस एआई आधारित युद्ध मशीनों के बड़े पैमाने पर उपयोग का रास्ता भी साफ कर दिया है.