Sharada Peeth Corridor: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की असेंबली ने पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार को बड़ा झटका दिया. भारत के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के प्रस्ताव को मानते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की असेंबली ने शारदा पीठ कॉरिडोर (Sharada Peeth Corridor) तैयार करने का प्रस्ताव पास कर किया. प्रस्ताव में कहा गया कि भारत के लोगों को शारदा पीठ यात्रा की अनु​मति होनी चाहिए. यही नहीं पीओके की असेंबली ने पाकिस्तान सरकार के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए अपने प्रस्ताव में कहा कि पीओके में मौजूद धर्मस्थलों की यात्रा के लिए हिंदुओं को इजाजत मिलनी चाहिए. इससे ना सिर्फ दोनों देशों के लोगों के बीच मेल-मिलाप बढ़ेगा, बल्कि PoK में पर्यटन को बढ़ावा मिलने से स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा.


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एटमी धमकी देने वाले की पार्टी लाई प्रस्ताव


लेकिन, इससे भी ज्यादा हैरानी की बात ये है कि पीओके की असेंबली में करतारपुर की तरह शारदा पीठ कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव कोई और नहीं बल्कि भारत को समय-समय पर एटमी धमकी देने वाले शेख रशीद की आवामी मुस्लिम लीग पार्टी लेकर आई थी. दरअसल, बीते 22 मार्च को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में LOC के पास 75 साल से बंद शारदा मंदिर खुला था. इस मौके पर सेवा शारदा समिति के अध्यक्ष रविंद्र पंडिता ने अमित शाह से PoK में स्थित शारदा पीठ को हिंदुओं के लिए खोलने और वहां कॉरिडोर बनाने की मांग की थी. फिर रविंद्र पंडिता की मांग का जवाब देते हुए खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि वो करतारपुर कॉरिडोर की तरह शारदा पीठ कॉरिडोर बनाने की पूरी कोशिश करेंगे.


जनता को है पाकिस्तान की बर्बादी का अहसास


लेकिन, शायद ही किसी को यकीन था कि अमित शाह की कोशिश इतनी जल्दी रंग लाएगी और पीओके की असेंबली शारदा पीठ कॉरिडोर तैयार करने का प्रस्ताव पास कर देगी. दरअसल, पीओके की आवाम को भी अहसास हो चुका है कि पाकिस्तान बर्बाद मुल्क है. ऐसे में अगर पाकिस्तान से छुटकारा चाहिए तो हिंदुस्तान की शरण में जाना होगा, उससे दोस्ती करनी होगी.


बौखला गए पाकिस्तान के सियासतदान


वरना पीओके का भी वही हश्र होगा जो बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा का हो रहा है. लिहाजा, पीओके की असेंबली बिना वक्त गंवाए भारत के गृह मंत्री अमित शाह की सलाह मानते हुए शारदा पीठ कॉरिडोर तैयार करने पर सहमत हो गई. हालांकि, उसकी ये सहमति पाकिस्तान के सियासतदानों और ऊंचे पदों पर रहे लोगों को नागवार गुजरी है. बौखलाए पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के जनप्रतिनिधियों की समझ पर ही सवाल उठा दिए.


पाकिस्तान के सियासतदान और डिप्लोमैट कश्मीरियों की समझ पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन, PoK की आवाम को अच्छी तरह समझ आ गया है कि पाकिस्तान के साथ रहने का उनका फैसला गलत है जिसे अब सुधारने की जरूरत है.


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