Geneva News: सिंधी राजनीतिक कार्यकर्ता मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र के सामने एकत्र हुए. उन्होंने पाकिस्तान सरकार पर हिंदुओं जैसे 'अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने' और सिंध प्रांत के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया.  जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 54वें सत्र के दौरान किए गए इस प्रदर्शन में बलूच, पश्तून और कश्मीरी कार्यकर्ता शामिल हुए.


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प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर लिए हुए थे जिन पर लिखा था, 'पाकिस्तान सिंधी हिंदुओं का जातीय सफाया बंद करे', 'करुन्झार को काटना प्रकृति, सिंध और मानवता के खिलाफ अपराध है" और 'लाखों सिंधी बाढ़ पीड़ित हैं'.


प्रदर्शनकारी उन सिंधी राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तस्वीरें लिए हुए थे जिनकी कथित तौर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा किडनैपिंग या हत्या कर दी गई. , ये लोग उन सिंधी हिंदू लड़कियों की तस्वीरें भी हाथों में लिए हुए थे जिन्हें जबरन अपहरण कर इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया था.


स्थिति हर मोर्चे पर बिगड़ती जा रही है
विश्व सिंधी कांग्रेस के महासचिव लखु लुहाना ने कहा कि राज्य 'ढह रहा है' और क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति खराब हो रही है. उन्होंने कहा, ''1000 मुद्दे हैं. सिंध में क्या हो रहा है, राज्य ढह रहा है? वे अधिक आक्रामक, अधिक क्रूर,होते जा रहे हैं. इसलिए मानवाधिकार की स्थिति हर मोर्चे पर बिगड़ती जा रही है. सिंधी हिंदू लड़कियों का जबरन अपहरण, जबरन गायब करना, जबरन धर्म परिवर्तन कराना जारी है.'


लुहाना ने कहा, 'पाकिस्तान सरकार गिरोहों को प्रायोजित कर रही है...वे आते हैं, लोगों का अपहरण करते हैं और फिरौती देने पर भी रिहा नहीं करते हैं. ये गिरोह सोशल मीडिया पर आते हैं और 'सेना जिंदाबाद' के नारे लगाते हैं, आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वे कहां से आ रहे हैं.'


सरकार गरीब लोगों की जमीनें हड़प रही है
लुहाना ने आगे कहा कि पाकिस्तान सरकार गरीब लोगों की जमीनें हड़प रही है और स्थानीय लोगों को कुपोषण और गरीबी की स्थिति के बीच पूरी तरह से छोड़ दिया गया है.. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर क्षेत्र में उसके अत्याचारों को रोकने के लिए दबाव बनाने का भी आह्वान किया.


लोग भूख, कुपोषण, गरीबी से मर रहे हैं
लुहाना ने कहा, 'वे हमारी जान ले रहे हैं क्योंकि ज़मीन हमारी जान है. उन्होंने 13 लाख एकड़ ज़मीन लेने का फैसला किया है. लोग भूख, कुपोषण, गरीबी से मर रहे हैं. हाल ही में बाढ़ आई थी, यह सबसे खराब स्थिति है. उन्हें कोई परवाह नहीं है. वे सुनने को तैयार नहीं है इसलिए, हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और सभी शक्तियों से अपील करते हैं कि वे पाकिस्तान पर इन अपराधों को रोकने के लिए दबाव डालें. इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, उन्हें अभी कार्रवाई करनी चाहिए.'


(इनपुट - ANI)