Tehreek-e-Taliban Pakistan suicide attack in Pakistan: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का आतंक पाकिस्तान में बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को पाकिस्तान के पेशावर में इस आतंकी संगठन ने कड़ी सुरक्षा के बीच नमाजियों से खचाखच भरी मस्जिद में घुसकर आत्मघाती हमले को अंजाम दिया जिसमें 61 लोगों की मौत हो गई. वहीं, 150 से ज्यादा लोग घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाए गए. टीटीपी ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए इसे अपने कंमाडर की हत्या का बदला बताया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पाकिस्तान के पुलिस अधिकारी के मुताबिक मस्जिद की सुरक्षा में 400 पुलिस के जवान तैनात थे और 4 लेयर की सिक्योरिटी के इंतजाम किए गए थे. इसके बावजूद, टीटीपी का आत्मघाती हमलावर बम बांधकर मस्जिद में घुसने में कामयाब रहा और उसने बड़ी संख्या में नमाज अदा कर रहे लोगों के बीच खुद को उड़ा लिया.


हमले के बाद स्नाइपर्स तैनात, ब्लड डोनेट करने की अपील
टीटीपी के हमले के बाद घायल लोगों के इलाज के लिए पेशावर के अस्पतालों में इमरजेंसी की घोषणा कर दी गई है. प्रशासन ने लोगों से ज्यादा से ज्यादा ब्लड डोनेट करने की अपील की है. इस्लामाबाद समेत पाकिस्तान के तमाम बड़े शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. सड़कों पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है और बिल्डिंग्स पर निशानेबाज (स्नाइपर्स) तैनात कर दिए गए हैं.


कैसे हुआ हमला
दरअसल, पेशावर की  नमाजी जौहर यानी दोपहर की नामज पढ़ रहे थे. तभी हमलावर सभी सुरक्षा इंतजामों को लांघते हुए मस्जिद में घुसा और नमाजियों की अगली पंक्ति में जाकर बैठ गया. जैसे ही लोगों ने नमाज पढ़ना शुरू किया हमलावर ने खुद को उड़ा कर वहां मौजूद 61 लोगों की जान ले ली. हमले के बाद चारों तरफ चीख पुकार मच गई. पूरे मस्जिद में सिर्फ लाशें ही नजर आ रही थीं.


VVIP इलाके में हुआ हमला
सुरक्षा के लिहाज से पुलिस लाइन्स के अंदर मौजूद ये मस्जिद काफी सुरक्षित मानी जाती है, क्योंकि यहां हमेशा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं. हमले के दौरान भी वहां पर 400 पुलिस के जवान, सेना के जवान, बम निष्क्रिय दस्ता, चार स्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था थी. वहीं, मस्जिद के आसपास आतंकवाद निरोधक विभाग, फ्रंटियर रिजर्व पुलिस, इलीट फोर्स एवं संचार विभाग के दफ्तर भी मौजूद हैं.


कमांडर की मौत का लिया बदला
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने मस्जिद में हुए इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है. टीटीपी ने कहा कि यह हमला अफगानिस्तान में पिछले साल अगस्त में की गई टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरसानी की हत्या का बदला है. टीटीपी ने पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान में कई हमले किए हैं और बड़ी संख्या में सेना व पुलिस के जवानों को निशाना बनाया है. टीटीपी के हमलों में आम लोगों की भी जान गई है.


टीटीपी संगठन ने पाकिस्तान सरकार के साथ किए गए संघर्षविराम समझौते को तोड़ चुका है और अपने लड़ाकों से पूरे पाकिस्तान में हमला करने को कहा है. आर्थिक रूप से डूब चुके पाकिस्तान के लिए अपने लोगों की भूख मिटाने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करना बड़ी चुनौती बन गई है.


भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं