Pakistan Politics: पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज पेशावार कीमस्जिद में हुए एक आत्मघाती आंतकी हमले के लिए पूर्व आईएसआई चीफ जनरल फैज हामिद को जिम्मेदार ठहराया. बता दें इस विस्फोट में 97 पुलिसकर्मियों सहित 101 लोग मारे गए थे.


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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने पंजाब के बहावलपुर शहर में पार्टी की एक सभा में कहा, ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान के मददगार जनरल फैज हामिद पेशावर में तैनात थे (कोर कमांडर के रूप में) पेशावर हमले के लिए जिम्मेदार थे.’


टीटीपी ने ली हमले की जिम्मेदारी
बता दें पेशावर में पुलिस लाइंस इलाके में स्थित एक मस्जिद में सोमवार को दोपहर की नमाज के दौरान तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया, जिसमें 101 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हो गए. प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हमले की जिम्मेदारी ली है.


मरियम का इमरान पर निशाना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मरियम ने पूछा, ‘वह (जनरल हामिद) जिसे इमरान खान अपनी आंख, हाथ और कान कहता था, पेशावर (कॉर्प्स कमांडर) में तैनात था. उसने आतंकवादियों (अफगानिस्तान से) के लिए दरवाजे क्यों खोले? उसने क्यों कहा कि आतंकवादी हमारे भाई थे. और उन्हें पाकिस्तान आमंत्रित किया? उसने कट्टर आतंकवादियों को जेल से क्यों रिहा किया?’ उन्होंने आगे कहा, ‘अगर वह (जनरल हामिद) पाकिस्तान की आंख, हाथ और कान बन जाते तो यह स्थिति (आतंकवाद की) नहीं होती.’


मरियम ने अफगानिस्तान में अशरफ गनी सरकार के पतन के समय अपनी ‘विवादास्पद यात्रा’ के लिए पूर्व आईएसआई प्रमुख पर भी ताना मारा. उन्होंने झल्लाते हुए कहा,  ‘यह आदमी अफ़गानिस्तान में कहता था कि कहवा पीते समय सब ठीक है.’


लेफ्टिनेंट जनरल हामिद, जिन्होंने जून 2019 से नवंबर 2021 तक जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख के रूप में कार्य किया, अफगानिस्तान का दौरा करने वाले पहले हाई रैंकिंग विदेशी अधिकारी थे, जब अगस्त 2021 के मध्य में तालिबान ने अफगान राजधानी पर कब्जा कर लिया था.


आईएसआई के प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में, वह इमरान खान और तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा के बीच एक विवाद का केंद्र बन गए थे. बाजवा ने उन्हें पेशावर कोर के कमांडर के रूप में नियुक्त करने का फैसला किया था और इमरान हामिद को इस पद से नहीं हटाना चाहते थे.  अंततः उन्हें पेशावर में तैनात किया गया, जहां उन्होंने बहावलपुर कोर में स्थानांतरित होने से पहले एक वर्ष से भी कम समय तक सेवा की.


बता दें आईएसआई प्रमुख के पद को पाकिस्तानी सेना में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसने अपने अस्तित्व के 75 से अधिक वर्षों में से आधे से अधिक समय तक देश पर शासन किया है और अब तक सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी शक्ति का इस्तेमाल किया है.


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