Corona से खौफ में PAK: Vaccine नहीं लगवाने वालों को Flight के बाद अब Train में भी नहीं मिलेगी एंट्री
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने वालों के लिए नई सजा लेकर आई है. सरकार का कहना है कि एक अक्टूबर से ऐसे लोग ट्रेन से यात्रा नहीं कर पाएंगे, जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगवाई है. इससे पहले सरकार फ्लाइट बैन और सिम कार्ड बैन जैसे कदम भी उठा चुकी है.
इस्लामाबाद: दुनिया के कई देशों में फिर से रफ्तार पकड़ती कोरोना (Coronavirus) महामारी से पाकिस्तान (Pakistan) बुरी तरह डर गया है. इमरान खान (Imran Khan) सरकार जल्द से जल्द सभी लोगों का वैक्सीनेशन (Vaccination) करना चाहती है. इस कड़ी में नई सजा का ऐलान भी किया गया है. यानी जो लोग वैक्सीन लगवाने को लेकर अब तक गंभीर नहीं हैं, उन्हें सरकार के प्रकोप का सामना करना होगा. सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि एक अक्टूबर से बिना वैक्सीन वाले लोग ट्रेन यात्रा (Train Travel) नहीं कर पाएंगे.
PAK ने पहले उठाए थे ये कदम
इससे पहले भी सरकार कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) न लगवाने वालों के दिल में खौफ पैदा करने के लिए कई कदम उठा चुकी है. जिसमें फ्लाइट बैन और सिम बैन (Flight & Sim Card Ban) जैसे फैसले शामिल हैं. पाकिस्तान ने वैक्सीन की एक भी डोज न लेने वालों के घरेलू फ्लाइट यात्रा करने पर पाबंदी लगाई हुई है. वहीं, सिंध प्रांत की सरकार ने हाल में वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों के मोबाइल सिम को बंद करने का फरमान सुनाया था.
NCOC की बैठक में हुआ Decision
पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण के रोकधाम के लिए गठित नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (National Command and Operation Centre -NCOC) की बैठक में ट्रेन यात्रा पर रोक लगाने का निर्णय किया गया. सेंटर ने वैक्सीन के प्रति लोगों की अनिच्छा और पुन: फैलते संक्रमण के मामलों पर भी चिंता जताई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में और भी कई सख्त फैसले लिए जा सकते हैं.
70 लाख को लगीं दोनों Dose
NCOC की बैठक की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे लोगों को एक अक्टूबर से ट्रेन यात्रा की इजाजत नहीं होगी, जो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते. इस फैसले पर सख्ती से अमल किया जाएगा. वैक्सीनेशन में शामिल नहीं होने वालों की घरेलू विमान यात्रा पर पहले ही पाबंदी लगा दी गयी है. बता दें कि पाकिस्तान ने फरवरी में टीकाकरण शुरू किया था और अब तक 3.7 करोड़ से अधिक लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक लगी है. जबकि केवल 70 लाख लोगों को ही दोनों डोज लगी हैं.