चीन में उइगर मुस्लिमों के रोजे रखने पर बैन, लोगों पर रहती है जासूसों की कड़ी नजर
Uyghur Muslims: चीनी अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध में 2021 और 2022 में आंशिक रूप से ढील दी गई. इस साल, चीनी सरकार ने उम्र, लिंग या पेशे पर ध्यान दिए बिना रोजा रखने पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है.
China Muslim: रमजान के पवित्र महीने के दौरान उइगर मुसलमान रोजा न रख सके इसके लिए चीनी पुलिस जासूसों की मदद ले रही है. रेडियो फ्री एशिया ने पूर्वी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में एक पुलिस अधिकारी का हवाला देते हुए बताया कि जासूस, जिन्हें चीनी अधिकारी ‘कान (ears)’ कहते हैं, आम नागरिकों, पुलिस और नेबरहुड कमेटियों से लिए जाते हैं.
रेडियो फ्री एशिया से बात करते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमारे पास कई सीक्रेट एजेंट हैं.' रिपोर्ट के अनुसार, उइगर संस्कृति, भाषा और धर्म का दमन करने की कोशिशों के बीच चीन ने 2017 में रमजान के दौरान शिनजियांग में मुसलमानों के रोजा रखने पर प्रतिबंध लगाना शुरू किया था.
चीनी अधिकारियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध में 2021 और 2022 में आंशिक रूप से ढील दी गई. 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को उपवास करने की अनुमति दी गई और पुलिस ने घरों की तलाशी और सड़क पर गश्त लगाने में भी कमी की.
इस साल लागू हुआ सख्त प्रतिबंध
रेडियो फ्री एशिया ने तुरपन सिटी पुलिस स्टेशन के एक राजनीतिक अधिकारी का हवाला देते हुए बताया कि इस साल, चीनी सरकार ने उम्र, लिंग या पेशे पर ध्यान दिए बिना उपवास करने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
रमजान के पहले सप्ताह के दौरान, चीनी अधिकारियों ने 56 उइगर निवासियों और पूर्व बंदियों को उनकी गतिविधियों के बारे में पूछताछ करने के लिए बुलाया और दावा किया कि उनमें से 54 ने उपवास करके कानून का उल्लंघन किया. रेडियो फ्री एशिया ने तुरपन सिटी बाजार पुलिस स्टेशन के एक पुलिसकर्मी के हवाले से यह जानकारी दी है. समाचार रिपोर्ट के अनुसार, न तो वह और न ही थाने में कोई अन्य पुलिस अधिकारी चर्चा करेगा कि उन लोगों के साथ क्या हुआ जिन्होंने कानून का उल्लंघन किया.
प्रत्येक गांव में दो या तीन जासूसों की नियुक्ति
रेडियो फ्री एशिया ने अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि तुरपन के पुलिस स्टेशनों ने प्रत्येक गांव से दो या तीन जासूसों को नियुक्त किया है, जो रमजान के दौरान उपवास के लिए हिरासत में लिए गए लोगों और जेल से रिहा किए गए लोगों पर नजर रखते हैं.
तुरपन के पास की एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमारे 'कान' (जासूस) तीन क्षेत्रों से आए हैं - सामान्य निवासी, पुलिस और नेबरहुड कमेटियां." उसने कहा कि भाषा की बाधा के कारण उइगरों को ही अन्य उइगरों का पर नजर रखने के लिए भर्ती किया है.
पुलिस अधिकारी ने आगे कहा, मेरे कार्यस्थल में, 70-80 उइगर पुलिसकर्मी हैं जो या तो सीधे 'कान' के रूप में काम करते हैं या अन्य 'कान' का नेतृत्व करते हैं.‘
(इनपुट - ANI)
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