Bilawal Bhutto India Visit: भुट्टो के भारत आने से पाकिस्तान को क्या मिला? शहबाज शरीफ के मंत्री ने बताया
Pakistan News: बिलावल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान 2026-2027 में एससीओ सम्मेलन की मेजबानी करेगा और उम्मीद है कि भारत भी बैठक में हिस्सा लेगा. गोवा बैठक के दौरान, बिलावल और जयशंकर ने कार्यक्रम के इतर कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं की थी.
Bilawal Bhutto Shehbaz Sharif minister Pakistan Crisis: पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कुछ दिन पहले हुई अपनी हिंदुस्तान यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है. इसी मई महीने की शुरूआत में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक (SCO Meet) में हिस्सा लेने भारत आए भुट्टो ने कहा कि उनकी इंडिया की यात्रा काफी सकारात्मक और प्रोडक्टिव रही. विदेश मंत्रालय की गुरुवार को होने वाली रुटीन ब्रीफिंग में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के मंत्री ने ये भी कहा कि जहां तक कश्मीर (Kashmir) का सवाल है, तो यह पाकिस्तान और भारत के बीच द्विपक्षीय मुद्दा और बहुपक्षवाद की जिम्मेदारियों का मामला है. यहां आपको बताते चलें कि भारत हमेशा से पाकिस्तान की इस बात का खंडन करता आया है. वहीं आजादी के बाद से भारत का स्पष्ट घोषणा रही है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है इसलिए इस मुद्दे पर किसी भी देश का दखल उसे स्वीकार नहीं है.
पाकिस्तान को क्या मिला?
भुट्टो ने अपने मंत्रालय की ब्रीफिंग के दौरान यह भी कहा कि भारत यात्रा के बाद मेरा निष्कर्ष यह है कि इस आयोजन में भाग लेना पाकिस्तान के लिए उत्पादक और सकारात्मक रहा है. बिलावल ने 5 मई को गोवा में विदेश मंत्रियों की एससीओ परिषद की बैठक में भाग लिया था. दो दिन के कार्यक्रम की मेजबानी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की थी. भारत वर्तमान में एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है.
मंत्री ने ब्रीफिंग में कहा, हमने सोचा कि हमें पाकिस्तान के मामले और दृष्टिकोण को न केवल भारत बल्कि अन्य प्रतिभागी देशों के सामने पेश करना चाहिए. सदस्य देशों के सभी विदेश मंत्रियों के साथ सकारात्मक बैठकें हुई.
भारतीय अधिकारी करेंगे PAK दौरा?
बिलावल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान 2026-2027 में एससीओ सम्मेलन की मेजबानी करेगा और उम्मीद है कि भारत भी बैठक में हिस्सा लेगा. गोवा बैठक के दौरान, बिलावल और जयशंकर ने कार्यक्रम के इतर कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं की थी. इससे पहले, 2011 में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार शांति वार्ता के लिए भारत आई थीं. शंघाई में 15 जून, 2001 को स्थापित, एससीओ में मूल रूप से रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल थे. बाद में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने.