2 घंटे 15 मिनट के लिए दिमाग काम करना कर देगा बंद, हावी हो जाएगी फिल्म की कहानी, इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर के आगे फेल हैं सब
Best Psychological Thriller Movie: दिल और दिमाग को हिलाने वाली किसी फिल्म को देखना चाहते हैं तो ये 2 घंटे 15 मिनट की फिल्म आपके होश उड़ाने के लिए काफी है. शुरुआत से आखिर तक ये मूवी आपको अपनी कहानी में ऐसे उलझाए रखेगी कि एक मिनट के लिए भी आप कुछ और नहीं सोच पाएंगे. ये साइकोलॉजिक थ्रिलर फिल्म अच्छी अच्छी-फिल्मों को धूल चटा चुकी है. तो चलिए आपको इस फिल्म के बारे में डिटेल में बताते हैं.
कौन सी है फिल्म?
दिमाग के सारे पुर्जे हिला देने वाली इस साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म का नाम 'लूसिया' है. ये फिल्म साल 2013 में रिलीज हुई थी. फिल्म की कहानी और किरदार ने लोगों के दिमाग से ऐसा खेला कि वो इस कहानी में फंस कर रहे गए. लिहाजा फिल्म ने तगड़ी कमाई की.
एक गोली और बिगड़ा काम
इसमें सतीश निनासम, श्वेता, शंकरन्ना है. इसका निर्देशन पवन कुमार ने किया था. इस फिल्म की कहानी निक्की के इर्द-गिर्द घूमती है. जो थिएटर में काम करने वाला सहायक है. इसे नींद में चलने की बीमारी है. वो एक गोली लेता है जिसके बाद वो एक अलग तरह के सपने में उलझ जाता है.
मेकर्स ने नहीं खर्चे पैसे
विकीपीडिया के मुताबिक ये पहली ऐसी कन्नड़ फिल्म थी जिसे लोगों ने मिलजुल कर यानी क्राउडफंड किया था. इस फिल्म का प्रीमियर 20 जुलाई 2013 को लंदन इंडियन फिल्म फेस्टिवल में किया गया था.जहां पर इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म ऑडियंस चॉइस अवॉर्ड जीता था.
तमिल में बना रीमेक
इतना ही नहीं, इसे साल 2013 में बेस्ट फॉरेन लैग्वेज के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए शॉर्टलिस्ट की गई फिल्मों में से एक थी. इस कन्नड़ फिल्म को 2015 में तमिल में फिर से बनाया गया था. इस फिल्म का नाम 'एनाक्कुल ओरुवन' था.
कलेक्शन से मालामाल मेकर्स
विकीपीडिया के मुताबिक ये फिल्म 50 लाख में बनकर तैयार हुई थी. जिसमें मेकर्स ने एक रुपये भी खर्च नहीं किए थे. लेकिन रिलीज होते ही इसने मेकर्स को मालामाल कर दिया था. उस वक्त इसने करीबन 3 करोड़ का कलेक्शन किया था.