927 पुल, 38 सुरंग और दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज से गुजरती ट्रेन...भारत का ऐसा रेल रूट जिसपर पटरी बिछाने में लग गए 22 साल

Railway Highest Bridge: रेलवे ने 272 किमी का ये रेल रूट बनाकर देश के एक दुर्मग मार्ग को मुख्य धारा से जोड़ दिया है. 272 किमी लंबे इस रूट रूट में 119 किमी लंबा रेल सुरंग है. 927 रेल पुल है. 38 सुरंग हैं.

बवीता झा Oct 24, 2024, 12:47 PM IST
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रोमांचक सफर

 

Indian Railway: एक ऐसा रेल सफर जहां ट्रेन की खिड़की से आपको कभी बर्फीले पहाड़ों की चोटियां दिखेंगी तो कभी गहरी खाई...ट्रेन कभी पहाड़ों से बीच से गुजरेंगी तो सुरंगों से. रास्ते में 119 किलोमीटर लंबे टर्नल मिलेंगे तो 927 ब्रिज...पढ़कर ही इतना रोमांच आ रहा है तो सोचिए ये सफर कितना खूबसूरत होगा.जब आपकी ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल से गुजरेगी तो रोंगटे खड़े कर देने वाला ये सफर किसी हॉलीवुड एक्‍शन फिल्‍म से कम रोमांच नहीं दोगा. इस सफर पर जाने के लिए आपको बस थोड़ा सा इंतजार करना है.  

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दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज का सफर

हम बात कर रहे हैं जम्‍मू कश्मीर में बनकर तैयार हो चुके दुनिया के सबसे रेल ब्रिज चिनाब ब्रिज. ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (Udhampur-Srinagar-Baramulla Rail Link) पर बने चिनाब ब्रिज पर ट्रायल रन हो चुका है. 15 अगस्त को सबसे ऊंचा रेल ब्रिज पर ट्रेन दौड़ी थी.  272 किलोमीटर के इस रेल रूट का सफर अपने आप में बेहद खास है. आज रेलवे के इसी रूट की करेंगे. 

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272 किमी का रोमांचक सफर

रेलवे ने 272 किमी का ये रेल रूट बनाकर देश के एक दुर्मग मार्ग को मुख्य धारा से जोड़ दिया है.  272 किमी लंबे इस रूट रूट में 119 किमी लंबा रेल सुरंग है. 927 रेल पुल है. 38 सुरंग हैं. जम्‍मू को श्रीनगर से जोड़ने वाले इस रेलवे प्रोजेक्‍ट को पूरा करना रेलवे के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. 

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22 साल में बनकर तैयार हुआ रेल मार्ग

इस रेल रूट का काम साल 2002 में शुरू हुआ था और 2024 के आखिर तक इस पर ट्रेन दौड़ाने का प्‍लान है. यानी इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में रेलवे को 22 साल का लंबा वक्त लग गया.  ट्रैक को पूरा करने में 927 पुल बनाने पड़े हैं, जिसकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर है. इसमें से ही एक पुल चिनाब पुल है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है. 

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चिनाब पुल की खासियत

एफिल टावर से भी ऊंचे चिनाब पुल की ऊंचाई 359 मीटर है. इसकी लंबाई 1,315 मीटर का है.  इसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भी माना जा रहा है. इतना ही नहीं रेलवे ने इस ट्रैक पर पहला केबल ब्रिज भी बनाया है. 17 पिलर्स पर टिकटा चिनाब ब्रिज अगले 120 सालों के लिए तैयार किया गया है. इस पुल में 8 रिक्टर स्केल की भूकंप को झेलने की ताकत है तो वहीं 40 किलो तक का विस्फोटक इसका बाल तक बांका नहीं कर सकता है.  

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दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज

इतनी ऊंचाई पर होने के बावजूद यह ब्रिज 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी को आसानी से झेल सकता है.  सिर्फ इस ब्रिज को बनाने में करीब 35000 करोड़ रुपये की लागत आई है. पाकिस्तान की सीमा एलओसी से सिर्फ 64 किलोमीटर दूर बने इस ब्रिज से जल्द रेल सेवा शुरू हो जाएगी.  

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रास्ते में 38 सुरंग और पुल

 

272 किमी के लंबे रूट में 119 किलोमीटर की सुरंगें ही है. इस ट्रैक पर कुल 38 टनल यानी सुरंगें बनाई हैं, जिसकी कुल दूरी 119 किलोमीटर है. सबसे लंबा सुरंग  टी-49 है, जिसकी लंबाई 12.75 किलोमीटर की है. ये देश की सबसे लंबी सुरंग है.  इस रूट पर ट्रेनों के चलने के बाद से सफर में लगने वाला समय आधा हो जाएगा. वंदे भारत ट्रेन महज 3.5 घंटे में जम्‍मू से श्रीनगर पहुंचा देगी. जबकि सड़क मार्ग से इस दूरी को पूरा करने में  7 घंटे लग जाते हैं.  

 

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