ब्रह्मांड के 5 रहस्य: आज तक कोई वैज्ञानिक नहीं सुलझा पाया अंतरिक्ष की ये गुत्थियां

Top 5 Mysteries of Space: हमारा ब्रह्मांड न सिर्फ अनंत पिंडों से भरा है, बल्कि तमाम रहस्यों से भी. बाहरी अंतरिक्ष इंसान के लिए बड़ी रहस्यमय जगह है. जैसे-जैसे विज्ञान ने प्रगति की, हमें कई सवालों के जवाब मिलते गए. इसके बावजूद अब भी तमाम गुत्थियां ऐसी हैं जिन्हें सुलझाने की कोशिश में वैज्ञानिकों का सिर चकराने लगता है. डार्क मैटर, डार्क एनर्जी, ब्लैक होल... इनका रहस्य खोजने में वैज्ञानिक दशकों से लगे हुए हैं. इनके अलावा भी तमाम बातें ऐसी हैं जिनके बारे में हम ज्यादा कुछ नहीं जानते. आज हम आपको अंतरिक्ष के ऐसे ही 5 रहस्यों के बारे में बताते हैं. (Photos : NASA/JPL and ESA)

दीपक वर्मा Wed, 19 Jun 2024-1:20 am,
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प्लेनेट 9

नेपच्यून यानी वरुण की कक्षा से  कहीं दूर, एक रहस्यमय चीज मौजूद है. नेपच्यून हमारे सौरमंडल का आठवां और आखिरी ज्ञात ग्रह है. इसके बाद बर्फीले पिंडों का एक घेरा जैसा है. इस क्षेत्र का अध्ययन करते हुए वैज्ञानिकों को पता लगा कि दर्जनभर से ज्यादा बर्फीले पिंडों की कक्षा को बेहद सधे हुए तरीके से बदला जा रहा है. जैसे उन पर किसी बड़े, अनदेखे ग्रह का गुरुत्वाकर्षण काम कर रहा हो, थ्‍योरी में इसे ही 'प्लेनेट नाइन'  कहा जाता है.

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह ग्रह धरती के मुकाबले पांच से दस गुना बड़ा हो सकता है. इसे सूर्य की एक परिक्रमा करने में 10,000 साल लगते होंगे. लेकिन पिंडों की कक्षा में बदलाव से इतर, प्लेनेट नाइन की मौजूदगी के ठोस सबूत नहीं मिले हैं. अगर यह ग्रह सच में है तो शायद इसकी चमक बेहद कम है, तभी यह टेलीस्कोपों की पकड़ में नहीं आ रहा.

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भगोड़ा ब्लैक होल

अप्रैल 2023 में, वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसा देखा जो पहले कभी नहीं देखा गया था- एक भगोड़ा ब्लैक होल. यह किसी भी आकाशगंगा से जुड़ा नहीं है और अंतरिक्ष में आवाज से 4,500 गुना ज्यादा गति से भाग रहा है. यह ब्लैक होल अपने पीछे तारों की एक बड़ी लकीर छोड़ रहा है. अनुमान है कि इस ब्लैक होल का द्रव्यमान हमारे सूर्य का 20 मिलियन गुना है. इसकी चमकदार पूंछ करीब 2 लाख प्रकाश वर्ष में फैली है.

इसका एक सिरा एक सुदूर बौनी आकाशगंगा से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, जहां शायद इस ब्लैक होल का खगोलीय रूप से निर्माण हुआ होगा. स्टडी के मुताबिक, यह संभव है कि ब्लैक होल ने कभी दुर्लभ बाइनरी सिस्टम में दूसरे ब्लैक होल की परिक्रमा की हो, फिर आकाशगंगा विलय से इस सिस्टम में तीसरे ब्लैक होल की एंट्री हुई हो. गुरुत्वाकर्षण की वजह से एक ब्लैक होल को उड़ा दिया गया हो. अगर इसकी पुष्टि होती है तो यह पहला सबूत होगा कि ब्लैक होल अपनी आकाशगंगाओं से बाहर निकल सकते हैं.

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जेम्स वेब टेलीस्कोप के JUMBOs

सिर्फ ब्लैक होल ही भगोड़े नहीं हो सकते, तमाम ग्रह भी मुक्त अवस्था में मिले हैं. 2023 में, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने ओरायन नेबुला में 500 से ज्यादा मुक्त तैरने वाले 'दुष्ट' ग्रहों की पहचान की. इनमें से करीब 80 को जोड़‍ियों के रूप में एक-दूसरे की परिक्रमा करते पाया गया, ऐसा क्यों? वैज्ञानिक नहीं जानते. चूंकि ये रहस्यमयी ग्रह लगभग बृहस्पति ग्रह जितने बड़े हैं, इसलिए वैज्ञानिकों ने इन्हें बृहस्पति-द्रव्यमान वाले द्विआधारी पिंड या JUMBOs नाम दिया है.

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का अनुमान है कि हमारी आकाशगंगा में ऐसे कई ट्रिलियन 'दुष्ट' ग्रह हो सकते हैं. लेकिन कॉस्मोलॉजी के वर्तमान मॉडल इनके अस्तित्व को नहीं समझा पाते. एक थ्‍योरी कहती है कि ये विचित्र पिंड सीधे अंतरिक्ष में गैस और धूल के ढहते बादलों से बने हैं, जैसे तारे बनते हैं. लेकिन तमाम मॉडल्स कहते हैं कि ऐसा होना अंसभव है. फिलहाल ये JUMBOs वैज्ञानिकों के लिए पहेली बने हुए हैं.

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फर्मी बुलबुले

हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक महाविशाल ब्लैक होल मौजूद है. वैज्ञानिकों ने इसे कुछ समय पहले बेहद अजीब व्यवहार करते पाया. एस्ट्रोनॉमर्स ने हमारे ब्लैक होल से विशाल, ऊर्जावान विस्फोटों के सबूतों को दो विशाल बुलबुलों के रूप में देखा है, जिन्हें फर्मी बुलबुले और eROSITA बुलबुले के रूप में जाना जाता है. ये हमारी आकाशगंगा के ऊपर स्थित हैं. ऊर्जा के ये ओवरलैप करने वाले लोब हमारे केंद्रीय ब्लैक होल से लगभग 25,000 प्रकाश वर्ष ऊपर और नीचे फैले हुए हैं.

इतना बड़ा आकार होने के बावजूद आप इन्हें आकाश में नहीं देख सकते. फर्मी बुलबुले में बेहद तेज गति से चलने वाले कण जिन्हें कॉस्मिक किरणें कहा जाता है, मौजूद हैं. इन्हें केवल उन्हीं टेलीस्कोप से देखा जा सकता है जो गामा किरणें पकड़ते हैं. वहीं, eROSITA बुलबुले में बेहद गर्म गैस भरी है जो सिर्फ एक्स-रे में नजर आती है.

वैज्ञानिकों को यह नहीं पता कि ये बुलबुले कैसे बने. हालांकि, 2022 की एक स्टडी में दावा किया गया कि ये ब्लैक होल में भयानक विस्फोट की वजह से बने. यह विस्फोट एक लाख साल तक होता रहा जिसकी शुरुआत करीब 2.6 मिलियन साल पहले हुई थी.

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अंतरिक्ष का ?

Herbig-Haro 46/47 नामक तारों के प्रकाश के एक अजीब धब्बे का अध्ययन करते समय, JWST ने फोटो के बैकग्राउंड में कुछ और भी रहस्यमयी चीज देखी- गहरे अंतरिक्ष में गर्म गैस का एक झपट्टा, जो बिल्कुल प्रश्नचिह्न (?) के जैसा दिखता था. हमें नहीं पता कि यह क्या चीज है और कितनी दूर है लेकिन JWST की फोटो में इसका लाल रंग बताता है कि यह बेहद प्राचीन है. यह एक आकाशगंगा हो सकती है, या शायद कई आकाशगंगाएं एक अराजक विलय के दौरान एक-दूसरे को चीरने की स्थिति में होंगी. हालांकि, यह ? JWST से सामने आए तमाम रहस्यों की एक बानगी भर है.

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