वो बस कंडक्टर.. जिसने दशकों तक लोगों को खूब हंसाया, की 300 से भी ज्यादा फिल्में; ऐसे मिला था पहला चांस और चमक गई थी किस्मत

Bollywood Best Comedian Actor: हिंदी सिनेमा में कई दिग्गज कलाकार रहे हैं, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय और किरदारों से दर्शकों के बीच अपनी जबरदस्त पहचान बनाई है. आज हम आपको एक ऐसे ही एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसने दशकों तक लोगों अपने अभिनय से खूब हंसाया और गुदगुदाया. आज भी लोग उनको याद करते हैं और उनकी पुरानी फिल्मों को देखना पसंद करते हैं. हालांकि, यहां तक पहुंचे का उनका सफर काफी दिलचस्प रहा है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. क्योंकि किसी की भी किस्मत कभी भी पलट सकती है.

वंदना सैनी Mon, 11 Nov 2024-11:58 am,
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हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों में से एक

हिंदी सिनेमा को 100 साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है. इस दौरान फिल्म इंडस्ट्री में कई कलाकार आए और गए. लेकिन कुछ के बारे में लोग अच्छी तरह से जान नहीं पाते. आज हम आपको एक ऐसे ही सितारे के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इंडस्ट्री के आसमान में दशकों कों तक चमा था और अपने अभिनय से दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनाई थी. इस एक्टर ने अपने करियर के दौरान 300 से ज्यादा फिल्मों में अपनी कॉमेडी से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया और ये कहना भी गलत नहीं होगा कि आज भी इंडस्ट्री में उनके जैसा कोई दूसरा कॉमेडी एक्टर नहीं हुआ है. 

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दशकों तक इंडस्ट्री और फैंसे के बीच किया राज

हम यहां 73 साल पहले अपने करियर की शुरुआत करने वाले इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकारों में गिने जाने वाले कॉमेडी एक्टर जॉनी वॉकर के बारे में बात कर रहे हैं. जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1951 में आई फिल्म 'बाज़ी' से किया था और अपनी पहली ही फिल्म से इंडस्ट्री में छा गए थे. अपनी पहली ही फिल्म के बाद वे हिंदी सिनेमा के प्रमुख हास्य कलाकारों में से एक बन गए थे. जॉनी वॉकर का जन्म 11 नवंबर, 1926 को इंदौर में हुआ था और उनका नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था. उन्होंने एक्टिंग में कदम रखने के बाद अपना नाम बदला था.  

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गुरुदत्त ने दिया था जॉनी वॉकर नाम

बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी को जॉनी वॉकर नाम उस वक्त के मशहूर एक्टर और डायरेक्टर गुरुदत्त ने दिया था, जो एक फेमस शराब के ब्रांड से प्रेरित था. मजेदार बात ये है कि फिल्मों में जॉनी वॉकर ने भले ही कई बार शराबी के किरदार निभाए हों, लेकिन असल जिंदगी में उन्होंने कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाया था. जब जॉनी वॉकर मुंबई आए, तो उन्होंने शुरुआत में अपना गुजारा करने के लिए बस कंडक्टर की नौकरी की. इस काम के लिए उन्हें हर महीने 26 रुपये सैलरी मिलती थी. लेकिन, इस दौरान भी उन्होंने एक्टिंग से दूरी नहीं बनाई. 

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बस में लोगों को दिखाते थे एक्टिंग का जलवा

जॉनी वॉकर उर्फ बदरुद्दीन जमालुद्दीन काजी बस में सफर के दौरान अपनी एक्टिंग और कॉमेडी से यात्रियों का खूब मनोरंजन किया करते थे. एक बार जॉनी वॉकर जब कॉमेडी कर रहे थे, तो गुरुदत्त ने उनकी प्रतिभा को देखा और उनसे काफी प्रभावित हुए. इसके बाद गुरुदत्त ने उन्हें फिल्मों में काम करने का मौका दिया. जॉनी वॉकर पहली बार फिल्म 'बाजी' में दिखाई दिए. इसके बाद उन्होंने गुरुदत्त की कई हिट फिल्मों जैसे 'आर-पार', 'प्यासा', 'चौदहवीं का चांद', 'कागज के फूल', और 'मिस्टर एंड मिसेज 55' में यादगार भूमिकाएं निभाईं. 

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जॉनी वॉकर के नाम है कई बड़े अवॉर्ड्स

जॉनी वॉकर को फिल्म 'मधुमती' में उनकी बेहतरीन अदाकारी के लिए 1959 में पहली बार बेस्ट को-एक्टर के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया था. इसके बाद उन्हें फिल्म 'शिकार' में शानदार कॉमेडी के लिए बेस्ट कॉमिक एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. जॉनी वॉकर ने अपनी पूरी जिंदगी लोगों को हंसाया, लेकिन 29 जुलाई, 2003 में उन्होंने ही इस दुनिया को अलविदा कह दिया. आज भी उनकी फिल्मों और गानों को खूब पसंद किया जाता है. उनका सबसे फेमस गाना 'सिर जो तेरा चकराए..' आज भी बहुत पसंद किया जाता है. 

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