Budget 2024: 163 साल के इतिहास में बजट में किए गए वो 10 बदलाव, जिन्‍होंने दशकों पुरानी परंपरा को तोड़ द‍िया

India Budget 2024: 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में एक हफ्ते से भी कम का समय रह गया है. हर बार की तरह इस बार भी क‍िसानों और सैलरीड क्‍लास को व‍ित्‍त मंत्री से बड़ी उम्‍मीदें हैं. केंद्रीय व‍ित्‍त मंत्री सातवीं बार बजट पेश करने जा रही हैं. देश में बजट का इतिहास काफी दिलचस्प और रोचक है. देश में पहले भी कई ऐतिहासिक बजट पेश क‍िये जा चुके हैं. बजट पेश होने की परंपरा ब्रिटिश काल में 1860 में शुरू हुई थी. तब से लेकर अब तक बजट में कई बदलाव हुए हैं. आज हम आपको देश के उन वित्त मंत्रियों के बारे में जानकारी देंगे, ज‍िन्‍होंने बजट को लेकर कई बदलाव किए हैं.

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1950 तक बजट का मुद्रण राष्ट्रपति भवन में होता था. लेकिन इसके लीक होने के बाद मुद्रण नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगा. इसके बाद 1980 में वित्त मंत्रालय के अंदर ही सरकारी प्रेस में इसका मुद्रण होने लगा.

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साल 2017 तक रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किया जाता था. इसके ल‍िए द‍िन भी अलग होता था. पहले संसद में रेल बजट को पेश क‍िया जाता था. इसके बाद आम बजट पेश क‍िया जाता था. लेकिन 2017 में रेल बजट को आम बजट में ही मर्ज कर द‍िया गया और उसके बाद से सिर्फ एक ही बजट पेश किया जाता है.

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साल 1999 तक बजट भाषण फरवरी के अंतिम वर्क‍िंग डे शाम 5 बजे पेश किया जाता था. लेकिन यशवंत सिन्हा ने 1999 में इस परंपरा को बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया था.

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तत्कालीन वित्त मंत्री हीरुभाई मुलजीभाई पटेल ने 1977 में सिर्फ 800 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था. यह अब तक सबसे छोटा बजट भाषण कहा गया.

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मनमोहन सिंह के 1991 में दिए गए बजट भाषण में कुल 18,650 शब्द थे. उसके बाद दूसरा स्थान अरुण जेटली का है जिनके 2018 के बजट भाषण में 18,604 शब्द थे.

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पहले वित्तमंत्री बजट पेश करने के लिए लाल ब्रीफकेस लेकर आया करते थे. लेकिन 2019 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इंडियन लुक देते हुए इसे कपड़े का बनवाया और इसे लेकर सदन में पहुंची. इसे बही खाता नाम दिया गया.

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मोरार जी देसाई देश में सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने वाले व्यक्ति हैं. उन्होंने 10 बार भारत का केंद्रीय बजट पेश किया है. इसके साथ 1964 और 1968 की 29 फरवरी को 2 बार अपने जन्मदिन पर भी बजट पेश किया था. पहले बजट फरवरी की आखिरी तारीख को पेश किया जाता था.

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सातवीं बार बजट पेश करने वाली पहली मह‍िला व‍ित्‍त मंत्री हैं. इससे पहले देश का बजट संसद में पेश करने वाली पहली महिला इंदिरा गांधी थी. 1969 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी ही सरकार के उपप्रधानमंत्री और वित्त मंत्री मोरारजी देसाई से वित्त मंत्रालय का प्रभार वापस ले लिया था.

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पहले देश में बजट अंग्रेजी भाषा में ही छापा जाता था. लेकिन भारत के तीसरे वित्त मंत्री सी डी देशमुख ने साल 1951 में जब बजट पेश किया तो बजट के सारे डॉक्युमेंट्स हिंदी में छापे गए.

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भारत 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्र हुआ था और आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके षणमुखाम शेट्टी ने पेश किया था. वकील और अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ एक राजनेता के तौर पर भी सक्रिय वित्त मंत्री आरके षणमुखाम शेट्टी द्वारा पेश किए गए. आजाद भारत के पहले बजट में टैक्स प्रस्ताव नहीं था और इसमें स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त 1947 से लेकर 31 मार्च 1948 तक के साढ़े 7 महीने की अवधि को ही कवर किया गया था.

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