छत्तीसगढ़ ने सबको चौंकाया, क्या `महादेव` ने कांग्रेस को हराया ?
Chhattisgarh Elections Result 2023: छत्तीसगढ़ के रुझानों ने सभी एग्जिट पोल को झुठला दिया है. बीजेपी जहां 52 सीट पर आगे है वहीं कांग्रेस के खाते में सिर्फ 32 सीट जाती हुई नजर आ रही है. चुनावी प्रचार और मतदान के बाद भूपेश बघेल दावा करते थे कि हम एक बार फिर सरकार बनाने जा रहे हैं. लेकिन रुझान ही अगर नतीजों में अंतिम तौर पर तब्दील हुए तो यह सवाल उठेंगे कि कहीं `महादेव` तो कांग्रेस से खफा नहीं हो गए. यहां `महादेव` का मतलब उस बेटिंग एप से है जिसने चुनाव प्रचार के दौरान तहलका मचा दिया था.
रमन सिंह की अपील कर गई काम
कहा जाता है कि जो जीता वही सिकंदर. रुझानों में बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है. वैसे तो मध्य प्रदेश और राजस्थान की तरह बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में सीएम के नाम की घोषणा नहीं की थी. लेकिन डॉ रमन सिंह ने पार्टी के स्टार कैंपेनर थे. वो अपनी सभी चुनावी सभाओं में कहा करते थे कि मतदान से पहले बीजेपी के कार्यकाल को ध्यान दीजिए. नतीजों से साफ है कि उनकी अपील काम कर गई.
भूपेश बघेल की करारी हार
छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजों से साफ है कि जमीनी स्तर पर भूपेश बघेल जलवा बिखेर पाने में नाकाम रहे. जमीनी स्तर पर छत्तीसगढ़ी जनता की भलाई के लिए उन्होंने तमाम योजनाओं को अमल में लाया था. लेकिन रुझानों को देखने से पता चलता है कि जनता को लुभाने में वो नाकाम रहे. क्या कांग्रेस की हार में महादेव ऐप की कहीं बड़ी भूमिका तो नहीं है.
हार के लिए यह वजह तो नहीं
क्या कांग्रेस की हार के लिए महादेव बेटिंग ऐप तो जिम्मेदार नहीं है. जानकार बताते हैं कि चुनावी प्रचार के दौरान जिस तरह से महादेव बेटिंग ऐप का मामला सामने आया और सीएम भूपेश बघेल से तार जुड़े. उसके बाद कांग्रेस के लिए बचाव करना मुश्किल हो गया. बीजेपी के नेता कहा करते थे कि कांग्रेस भले ही खुद को ईमानदारी का तमगा देती हो. हकीकत यही है कि कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार से पीछा नहीं छुड़ा पाते.
बरकरार है जादू
मध्य प्रदेश की तरह ही पीएम नरेंद्र मोदी ने धुआंधार प्रचार किया था. बीजेपी के राज्यस्तरीय नेता भी प्रचार में कहा करते थे कि आप पीएम नरेंद्र मोदी की छवि देखिए. भ्रष्टाचार का दाग नहीं है. यही नहीं जब सरकारी योजनाओं के क्रियान्यवन की बात आती है तो उसमें वो जात पात, पंथ या मजहब नहीं देखते. पीएम मोदी भी कहा करते थे कि राज्य के विकास के लिए डबल इंजन सरकार की जरूरत है.
गुटबाजी जिम्मेदार तो नहीं
कांग्रेस के इस शर्मनाक प्रदर्शन के लिए गुटबाजी को भी जिम्मेदार बताया जा रहा है. बता दें कि 2018 के नतीजों के बाद किस तरह से भूपेश बघेल और टी एस देव गुट आमने सामने थे.यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है. समय समय पर टी एस देव भी दबी जुबान अपने दर्द को बयां करते थे. जानकार कहते हैं कि हार के लिए कांग्रेस के अंदर गुटबाजी से इनकार नहीं किया जा सकता.
बीजेपी का चल गया जादू
छत्तीसगढ़ के चुनावी रुझान को देखें तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच का आंकड़ा बहुत अधिक है. चुनावी रुझान से साफ है कि जमीन पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक होकर काम किया और कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप काम कर गए. बीजेपी नेता कहा करते थे कि लोगों की भलाई के लिए कांग्रेस की सरकार जिन योजनाओं की बात करती थी. उसका वास्तव में किसे फायदा मिला छत्तीसगढ़ की जनता अच्छी तरह से जानती है.