देवयानी खोबरागड़े: कंबोडिया में `अप्सरा` बनीं IFS को न्यूयॉर्क में अरेस्ट क्यों किया गया था? पूरी कहानी

Devyani Khobragade IFS Officer: आईएफएस अधिकारी देवयानी खोबरागड़े एक बार फिर सुर्खियों में हैं. कंबोडिया में नए साल के मौके पर उन्होंने `खमेर अप्सरा` का रूप धरा. लोगों को नए साल की शुभकामनाएं देने के लिए खोबरागड़े ने यह तरीका चुना. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें खूब शेयर हो रही हैं. देवयानी खोबरागड़े अक्टूबर 2020 से कंबोडिया में भारत की राजदूत हैं. 1999 बैच की IFS अधिकारी, देवयानी खोबरागड़े उससे पहले रोम, इस्लामाबाद, न्यूयॉर्क और बर्लिन में तैनात रही हैं. सुर्खियां या यूं कहें विवादों से देवयानी खोबरागड़े का पुराना नाता है. न्यूयॉर्क में पोस्टिंग के दौरान, देवयानी खोबरागड़े खूब सुर्खियों में रहीं लेकिन गलत वजहों से. उनपर वीजा फ्रॉड से लेकर नौकरानी को कम सैलरी देने के आरोप लगे थे. डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी की वजह से देवयानी खोबरागड़े के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. उस प्रकरण के चलते भारत-अमेरिका के कूटनीतिक संबंध भी बिगड़ गए थे. जानिए, विवादों में रहने वाली आईएफएस देवयानी खोबरागड़े के बारे में. (Photos : X/@devyani_K)

दीपक वर्मा Mon, 15 Apr 2024-11:34 am,
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देवयानी खोबरागड़े का अप्सरा अवतार

कंबोडिया में भारत की राजदूत, देवयानी खोबरागड़े अपने फोटोशूट की वजह से खबरों में हैं. उन्होंने कंबोडियाई नए साल पर अनोखे तरीके से विश किया. भारतीय दूतावास ने तस्वीर शेयर की हैं जिनमें खोबरागड़े 'खमेर अप्सरा' बनी दिख रही हैं. यह कंबोडिया की पारंपरिक पोशाक है.

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देवयानी खोबरागड़े कौन हैं? परिवार में कौन-कौन है?

देवयानी खोबरागड़े, 1999 बैच की भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी हैं. महाराष्ट्र के तारापुर में जन्मी देवयानी के पिता - उत्तम खोबरागड़े - भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी थे. उत्तम खोबरागड़े का नाम आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला केस में आया था. देवयानी ने मुंबई में मेडिकल की पढ़ाई कर रखी है. आईएफएस ज्वाइन करने के बाद वह बर्लिन, न्यूयॉर्क, रोम और इस्लामाबाद में पोस्टेड रही हैं.

देवयानी खोबरागड़े के पति आकाश सिंह राठौड़ अमेरिकी नागरिक हैं. वे इटली के रोम स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ लुइस में रिसर्च प्रोफेसर हैं. दोनों की दो बेटियां हैं. देवयानी खोबरागड़े की बेटियों के नाम अमाया और शायरा हैं.

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2013 का देवयानी खोबरागड़े विवाद क्या है?

2013 में देवयानी खोबरागड़े अमेरिका के न्यूयॉर्क में तैनात थीं. वह भारत की डिप्‍टी कौंसुल जनरल हुआ करती थीं. दिसंबर 2013 में उन्हें अमेरिकी अधिकारियों ने वीजा फ्रॉड और झूठे बयान देने के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया था. देवयानी खोबरागड़े पर अपनी घरेलू नौकरानी को कम सैलरी देने के भी आरोप लगे. देवयानी ने आरोपों को 'निराधार' बताया था. गिरफ्तारी के बाद देवयानी से अमेरिकी अधिकारियों के व्यवहार पर भारत में खूब विवाद हुआ था. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव चरम पर था.

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डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी की वजह से बच पाईं

डिप्‍टी कौंसुल जनरल के रूप में देवयानी खोबरागड़े के पास कॉन्सुलर इम्यूनिटी थी. हफ्ते भर बाद, भारत ने उनका ट्रांसफर संयुक्त राष्ट्र मिशन में कर दिया. इसे अमेरिका की मंजूरी मिलते ही उन्हे फुल डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी मिल जाती. जनवरी 2014 में अमेरिका ने देवयानी खोबरागड़े को G-1 वीजा जारी किया. यह फुट डिप्लोमेटिक इम्यूनिटी के लिए था. अगले दिन देवयानी खोबरागड़े भारत लौट आईं.

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भारत और अमेरिका के रिश्ते बिगड़े

देवयानी खोबरागड़े प्रकरण ने भारत और अमेरिका के रिश्तों में तनातनी ला दी. नई दिल्ली ने भारत में मौजूद कई अमेरिकी डिप्‍लोमेट्स के पर कतर दिए. एक US डिप्लोमेट को देश छोड़कर जाने को कह दिया गया. भारत-अमेरिका के संबंधों में इतनी खटास पहले कभी महसूस नहीं की गई थी. जवाब में अमेरिका ने एक और डिप्‍लोमेट को वापस बुला लिया था.

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