राजस्थान का वो गणेश मंदिर, जहां मुस्लिम भी देते हैं निकाह का पहला कार्ड
Rajasthan News: गणेश चतुर्थी हिंदुओं का प्रसिद्ध त्योहार है. यह त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में पाया जाता है. ऐसे में आज हम आपको राजस्थान का वो गणेश मंदिर है, जहां मुस्लिम भी निकाह का पहला कार्ड देते हैं.
दोजराज गणेश मंदिर
इस साल 7 सितंबर 2024 से गणेश चतुर्थी का पावन त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन से भगवान गणपति की विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गया है. राजस्थान के डीडवाना में दोजराज गणेश मंदिर में भगवान लंबोदर की 9 फीट ऊंची प्रतिमा है, जो प्रदेश की सबसे बड़ी प्रतिमा है.
निकाह का पहला कार्ड
इस भगवान गणपति के मंदिर में शादी का पहला कार्ड देने से हर काम सही से पूरा हो जाता है. यहां हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम समाज के लोग भी निकाह का पहला कार्ड देते हैं.
निरंजनी संप्रदाय के संत
मंदिर के पुजारी के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना लगभग 160 साल पहले हुई थी. कहा जाता है कि एक बार निरंजनी संप्रदाय के संत यहां से जा रहे थे, जो नमक झील स्थित पाढ़ाय माता मंदिर जा रहे थे.
मिट्टी से बनाई गई प्रतिमा
इसी के चलते जब यहां रुके तो दुन्दराज नामक एक साधु ने मोण मटकी, मुरड़ और मिट्टी से गणेश जी की बड़ी प्रतिमा बनाई. जब डीडवाना के लोगों को यह बात पता चली तो उन्होंने इस स्थान प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करवाई तभी से इस मंदिर में गणेश जी की पूजा हो रही है.
200 किलो मोदक का भोग
डीडवाना में गणेशजी के मंदिर भगवान गणपति के साथ नाग, शेर और तोते की मूर्तियों वाला यह एकमात्र मंदिर है. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान को 200 किलो मोदक का भोग लगाया जाता है.