Gulmarg Snowfall: गुलमर्ग की `गुम` हो गई बर्फ की चादर, कश्मीर की वादियां नजर आ रहीं वीरान
Gulmarg Snowfall News: एक तरफ उत्तर भारत कड़ाके की ठंड का सामना कर रहा है. पारा नीचे गिरता जा रहा है और उसका असर सामान्य जनजीवन पर भी पड़ा है. धरती का जन्नत कहा जाने वाला जम्मू-कश्मीर में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है. लेकिन घाटी से जाड़े के दिनों में होने वाली बारिश नदारद है. गुलमर्ग, जो सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है उसे अब भी बर्फबारी का इंतजार है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि जाड़े के महीने में गुलमर्ग जो सफेद बर्फ की चादर ओढ़ लेता था वहां भी बर्फ खोजने से भी नहीं मिल रहा. कश्मीर घाटी में दिसंबर के महीने में बारिश में करीब 79 फीसद की कमी आई है.
बर्फबारी के लिए मशहूर है गुलमर्ग
कश्मीर अपने शीतकालीन बर्फबारी और स्कीइंग स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. लेकिन इस सर्दी के मौसम में असामान्य रूप से शुष्क मौसम का सामना कर रही है. गुलमर्ग अपनी बर्फ से ढकी ढलानों के लिए प्रसिद्ध है, बर्फ की चादर के अभाव में बिल्कुल बंजर और बंजर खड़ा है. कश्मीर घाटी में पूरे दिसंबर में 79 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई है.बर्फबारी अभी भी नहीं हुई है.
क्या अल नीनो है जिम्मेदार
मौसम के जानकारों ने बर्फबारी ना होने के लिए अल नीनो को जिम्मेदार बताया है. इसकी वजह से बर्फ और बारिश में कमी आई है. अल नीनो, जो मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान के गर्म होने की विशेषता है.वैश्विक स्तर पर यह मौसम को प्रभावित करता है. कश्मीर में बारिश को कंट्रोल करने वाला प्रभाव भी शामिल है.
बर्फबारी की संभावना बेहद कम
कश्मीर मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक मुख्तार अहमद के मुताबिक पूरा दिसंबर और जनवरी का पहला सप्ताह शुष्क रहा है. अभी तक जो पूर्वानुमान किया गया है उसके मुताबिक शुष्क मौसम की स्थिति कम से कम 12 जनवरी तक बनी रहेगी. आने वाले दिनों में कोई बड़ी वर्षा की संभावना नहीं है.
बारिश की भी संभावना बेहद कम
कश्मीर में अल नीनो के प्रभाव लंबे समय तक शुष्क दौर हल्की सर्दियांऔर कम बर्फबारी के रूप में दिखाई देते हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि घाटी में भविष्य में अधिक बार और लंबे समय तक सूखे का अनुभव होने की संभावना है, जिससे क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन संकेतक तेजी से स्पष्ट हो रहे हैं. इसका असर खेती पर भी हो रहा है.
गुलमर्ग, पर्यटन का बड़ा केंद्र
पर्यटक खासतौर पर जाड़े के महीने और बर्फबारी का इंतजार करते हैं.पर्यटकों के लिए गुलमर्ग एक बड़ा केंद्र है. लेकिन इस दफा बर्फबारी ना होने से निराशा हाथ लगी है.गुलमर्ग के मुख्य आकर्षणों में से एक गुलमर्ग गोंडोला है, जो दुनिया की सबसे ऊंची केबल कार है.अप्रैल से जून गुलमर्ग में घूमने लायक जगहें तलाशने का पीक सीजन है. हालांकि इसका एक मुख्य आकर्षण बर्फबारी भी है.
इस वजह से गुलमर्ग पहली पसंद
जम्मू-कश्मीर की जब बात होती है तो लोग गुसलमर्ग और पहलगाम में तुलना करते हैं. वैसे तो यह अपने अपने पसंद का विषय है कि आप कौन सी जगह का चुनाव करते हैं. लेकिन यदि आप बर्फबारी का आनंद लेना चाहते हैं को पहलगाम पर गुलमर्ग भारी पड़ता है. हालांकि इस दफा बर्फबारी पर अल नीनो की नजर लग गई है.