फोन से बनाई दूरी, संन्यासी बनकर की UPSC की तैयारी, तब 30वीं रैंक लाकर बनीं IAS
IAS Pari Bishnoi UPSC Success Story: आज हम आपको आईएएस ऑफिसर परी बिश्नोई के बारे बताएं, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए फोन और सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूरी बना ली थी और एक संन्यासी की भांती परीक्षा की तैयारी की और आईएएस ऑफिसर बन गईं.
केवल चुनिंदा उम्मीदवार क्रैक कर पाते हैं UPSC
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा पास करना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है. सिविल सेवा परीक्षा पास करने की उम्मीद लिए लाखों छात्र अपना घर छोड़ बेहतर कोचिंग की तलाश में शहर आते हैं. वे लाखों छात्र दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ चुनिंदा उम्मीदवार ही यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर आईएएस व आईपीएस बन पाते हैं.
संयासी की तरह रहकी की परीक्षा की तैयारी
आज हम आपको उन्हीं कुछ चुनिंदा उम्मीदवारों में से एक आईएएस परी बिश्नोई के बारे में बताएंगे, जिन्होंने इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए संन्यासी की तरह रह कर परीक्षा की तैयारी की थी. दरअसल, आईएएस परी बिश्नोई राजस्थान के बीकानेर जिले की रहने वाली हैं. उनके पिता एक वकील हैं, जबकि उनकी मां जीआरपी के लिए एक पुलिस अधिकारी के रूप में काम करती हैं.
डीयू से की ग्रेजुएशन
परी ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से हासिल की. इसके बाद, वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में दाखिला लेने के लिए दिल्ली आ गईं. दिल्ली से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद परी बिश्नोई ने अजमेर के एमडीएस विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की.
फोन और सोशल मीडिया से बनाई दूरी
अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद ही परी बिश्नोई ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस बनने के बारे में सोचना शुरू कर दिया. परीक्षा की तैयारी के लिए परी बिश्नोई ने अपने फोन का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया और अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए. उन्होंने बिल्कुल संन्यासी की तरह रहकर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की.
हासिल की ऑल इंडिया 30वीं रैंक
हालांकि, परी को शुरुआत के दो प्रयासों में सफलता नहीं मिली, लेकिन 2019 में अपने तीसरे प्रयास में परी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर ली. उन्होंने परीक्षा में ऑल इंडिया 30वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद वह आईएएस का पद हासिल करने में सफल रहीं. वह वर्तमान में गंगटोक, सिक्किम में एक उप-विभागीय अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं. वह पहले भारत सरकार के पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय में सहायक सचिव के रूप में काम कर चुकी हैं.