ITR Rules: सरकार बदल चुकी है ITR भरने से जुड़े ये 7 नियम, जान लीजिए वरना आपको नहीं मिलेगा रिफंड
ITR Rules Change: फाइनेंशियल ईयर 2024 का आईटीआर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. अगर आप भी हर साल आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको टैक्स से जुड़े बदलावों के बारे में पता होना जरूरी है. पिछले कुछ सालों में सीबीडीटी की तरफ से टैक्स संबंधी कई नियमों में बदलाव किया है. अगर आप भी आईटीआर फाइल करते हैं तो यहां हम आपको रिटर्न से जुड़े बदले हुए नियमों के बारे में बता रहे हैं. अगर आपने इस चीजों का ध्यान नहीं रखा तो आपका टैक्स रिफंड रुक सकता है.
सरकार की तरफ से साल 2024 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत 7 लाख रुपये तक की आमदनी पर जीरो टैक्स कर दिया गया. अब आप न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं. न्यू टैक्स रिजीम बाय डिफाल्ट है और ओल्ड टैक्स रिजीम ऑप्शनल है.
आप बिना किसी छूट या कटौती के दावा पेश करते हैं तो आपको न्यू टैक्स रिजीम को सिलेक्ट करना होता है. लेकिन यदि आप ओल्ड टैक्स रिजिम का चुनाव करते हैं तो इसके तहत अलग-अलग टैक्स कटौती और छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं. New Tax Regime के तहत दावा करना आसान है.
सैलरीड क्लॉस के लिए 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन पिछले दिनों शुरू किया गया है. यह स्टैंडर्ड डिडक्शन पेंशनर्स के लिए है. यह सैलरी वाले व्यक्तियों के लिए काफी बड़ी राहत है. सैलरीड क्लॉस की टैक्सेबल इनकम को कम करने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50,000 रुपये की कटौती का दावा किया जाता है. इससे टैक्स में फायदा मिलता है.
सेक्शन 80C की लिमिट को बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये किया गया है. पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि, एलआईसी, एनएससी और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम में निवेश करके आप 80C के तहत 1.5 लाख तक की छूट पा सकते हैं. इसके अलावा 80D के तहत आप अपनी फैमिली और सीनियर सिटीजन माता-पिता के लिए लिये गए हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते हैं. दोनों का प्रीमियम मिलाकर अधिकतम 75000 रुपये है. 80C में आप होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट और बच्चों की एजुकेशन फी भी क्लेम कर सकते हैं.
अगर आपने घर खरीदा है और इसके लिए होम लोन लिया है तो आपको इसके ब्याज पर 80EEA के तहत छूट मिलती है. जी हां, होम लोन के ब्याज पर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त कटौती को बढ़ावा देना है. इस छूट का मकसद टैक्सपेयर्स को राहत देना और अर्फोडेबल हाउसिंग को बढ़ावा देना है.
ITR फॉर्म में ज्यादा से ज्यादा खुलासे को शामिल करने के मकसद से संशोधन किया गया है. खासतौर पर विदेशी संपत्तियों और आय तथा बड़े लेन-देन के बारे में खुलासा करने के लिए नियम में बदलाव किया गया है. विदेशी निवेश या महत्वपूर्ण वित्तीय गतिविधियों वाले टैक्सपेयर्स को किसी भी प्रकार के पेनाल्टी से बचने के लिए डिटेल्ड जानकारी देने की जरूरत है.
75 साल या इससे ज्यादा उम्र वाले सीनियर सिटीजन, जिनकी केवल पेंशन और ब्याज से आमदनी है. उन्हें ITR फाइल करने की बाघ्यता से छूट दी गई है. लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि बैंक उनका जरूरी टैक्स पेंशन से और ब्याज के पैसे से टीडीएस काट लें.