Independence Day: महंगाई से विकसित देश तक, मणिपुर हिंसा से प्राकृतिक आपदा तक; पढ़ें लाल किले से क्या-क्या बोले PM मोदी
Narendra Modi Speech 10 big points: पीएम नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस से मौके पर लाल किले से देशवासियों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने देश के लोगों को `मेरे परिवारजनों` से संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने महंगाई से लेकर भारत को विकसित देश बनाने तक और मणिपुर हिंसा से लेकर प्राकृतिक आपदा पर बात की. इसके साथ ही पीएम मोदी ने बिना नाम लिए विपक्षी दलों पर भी जमकर हमला बोला.
मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी
पीएम मोदी ने लाल किले से मणिपुर हिंसा का जिक्र किया और कहा कि हिंसा के दौरान कई लोगों को जान गंवानी पड़ी. मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मणिपुर के साथ पूरा देश खड़ा है और अब वहां से शांति की खबरें आ रही हैं. पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मणिपुर का समाधान शांति से ही निकलेगा.
प्राकृतिक आपदाओं पर पीएम मोदी
लाल किले से भाषण के दौरान पीएम मोदी ने प्राकृतिक आपदाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस बार प्राकृतिक आपदाओं ने कई जगहों पर संकट पैदा किया. इस दौरान संकट का सामने करने वाले परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर उन्हें संकटों से मुक्त करेंगे.
इतिहास लिखेंगे आज के फैसले
पीएम नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से कहा, 'मैं पिछले 1000 वर्षों के बारे में बात कर रहा हूं, क्योंकि मैं देख रहा हूं कि देश के सामने एक बार फिर अवसर है. हम इस युग में क्या करते हैं, हम क्या कदम उठाते हैं और एक के बाद एक जो निर्णय लेते हैं आने वाले 1000 वर्षों में देश का स्वर्णिम इतिहास अंकुरित होगा.'
महंगाई पर पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान महंगाई का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विश्व महंगाई से जूझ रहा है. भारत ने महंगाई को कंट्रोल करने के लिए पूरे प्रयास किए हैं और हमें सफलता भी मिली है. मुझे देशवासियों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए और भी कदम उठाने हैं और मेरे प्रयास जारी रहेंगे.
रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में आपने एक मजबूत सरकार बनाई. साल 2014 और 2019 में आपने सरकार फॉर्म की तो मोदी ने रिफॉर्म करने की हिम्मत की. जब मोदी ने एक के बाद एक रिफॉर्म किए तो मेरे ब्यूरोक्रेसी के लोग, मेरे लाखों हाथ पैर, उन्होंने ट्रांसफॉर्म करने की और परफॉर्म करने की जिम्मेदारी निभाई.
2047 तक विकसित भारत का जिक्र
पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस पर 2047 तक विकसित भारत का भी दावा किया. उन्होंने कहा कि अमृतकाल हम सबके लिए कर्तव्य काल है. हम सबको मां भारती के लिए कुछ करने का काल है. हमें पल पल देश के लिए जीना है. इस अमृतकाल में 140 करोड़ देशवासियों के सपने को सिद्धी में परिवर्तित करना है. 2047 का तिरंगा जब फहरेगा तो विश्व विकसित भारत का गुणगान करेगा.
अगले 15 अगस्त पर फिर आने का वादा
पीएम मोदी ने अगले 15 अगस्त को फिर से लाल किले पर आने का वादा किया. उन्होंने कहा कि 2014 में मैंने परिवर्तन का वादा किया और पूरा किया. 2019 में आप फिर से आशीर्वाद लिया और परफॉर्मेंस मुझे दोबारा ले आया. आने वाले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं. अगली बार 15 अगस्त को इसी लालकिले से देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, संकल्प, उसकी सफलता के गौरव गान उससे भी अधिक आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा.
3 बुराइयों का किया जिक्र
पीएम मोदी ने भाषण के दौरान 3 बुराइयों का जिक्र किया और कहा कि इनसे लड़ना समय की मांग है. पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार ने दीमक की तरह सामर्थ्य को नोच लिया. भ्रष्टाचार से मुक्ति, इसके खिलाफ जंग. मोदी के जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा. दूसरा परिवारवाद ने हमारे देश को नोच लिया. इसने देश के लोगों का हक छीना है. तुष्टीकरण ने भी देश के मूलभूत चिंतन को दाग लगा दिया।.इसलिए प्यारे परिवारजनों हमें इन तीन बुराइयों के खिलाफ सामर्थ्य के साथ लड़ना है.
वुमन डिवेलपमेंट पर कही ये बात
पीएम मोदी ने भाषण के दौरान महिलाओं के विकास का भी जिक्र किया और कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए एक अतिरिक्त शक्ति की जरूरत है और वह है वुमन लेड डिवेलपमेंट. आज भारत कह सकता है कि सबसे ज्यादा महिला पायलट हैं तो मेरे देश में. चंद्रयान की बात हो तो उसका नेतृत्व महिला वैज्ञानिक कर रही हैं. दो करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य लेकर हम स्वयं सहायता समूह पर काम कर रहे हैं. जी20 में इस विषय को आगे बढ़ाया है.
पीएम मोदी की कविता
देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरे प्रिय देशवासियों, यह अमृतकाल का पहला साल है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'जलता जलाता काल चक्र, अमृतकाल का भाल चक्र. सबके सपने, अपने सपने. पनपे सपने सारे. धीर चले वीर चले चले युवा हमारे. नीति सही, रीति नई, गति सही, राह नई. चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम.'