रोमांच और खूबसूरती का कॉकटेल, भारत की वो जगह, जहां भारतीयों की है नो एंट्री
Places Where Indians Are Restricted: भारत में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक खूबसूरत जगह हैं. घुमक्कड़ लोग अब नई-नई जगहों पर जा रहे हैं, जिसके वीडियोज और फोटोज सामने आते रहते हैं. मगर कुछ जगह ऐसी भी हैं, जो हैं तो भारत में ही. लेकिन भारतीय ही वहां नहीं जा सकते.
इनके पीछे सिक्योरिटी, विवादित जगह और कई अन्य वजह हैं. शानदार लोकेशन्स होने के बावजूद भी ये ट्रैवलर्स के लिए बंद हैं. आइए आपको इन जगहों से रूबरू कराते हैं.
नॉर्थ सेंटेनिल आइलैंड्स
नॉर्थ सेंटेनिल आइलैंड्स अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित है. इस जगह पर दुनिया की सबसे पुरानी आदिवासी जनजाति रहती है. इनका आज के युग से कोई वास्ता नहीं है. ये बाहरी लोगों से किसी तरह का कोई संबंध रखना नहीं चाहते. कोई शख्स करीब जाए तो ये लोग हिंसक होकर उसे मार डालते हैं. माना जाता है कि इनका वजूद 60,000 साल पुराना है. इस जगह पर भारतीय सेना का जाना भी मना है.
अक्साई चिन, लद्दाख
अक्साई चिन घुमक्कड़ों और रोमांच पसंद करने वालों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है. यहां खारे नमक के तालाब, वैली और कराकाश नदी की खूबसूरती मोह लेने वाली है. लेकिन भारतीय यहां नहीं जा सकते. वो इसलिए क्योंकि यहां लंबे वक्त से विवाद चल रहा है. भारत अक्साई चिन पर अपना दावा करता है और इसे लद्दाख का हिस्सा मानता है. 1962 के युद्ध में चीन ने अक्साई चिन के हिस्से पर कब्जा कर लिया था.
बैरन आइलैंड, अंडमान
यह अंडमान सागर में स्थित है और भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी का घर है. इस द्वीप की खूबसूरती दूर से किसी जहाज से देखी जा सकती है. लेकिन यहां जाना मना है.
लक्षद्वीप के कुछ द्वीप
लक्षद्वीप में 36 द्वीप हैं, जहां के अधिकतर द्वीपों पर टूरिस्ट्स का जाना मना है. इसकी वजह स्थानीय हित और नेवी बेस होना भी है. लेकिन कुछ आइलैंड्स जैसे अगत्ती, बंगाराम, कदमत, कावारत्ती और मिनिकॉय द्वीपों पर टूरिस्ट्स घूम सकते हैं.
BARC, मुंबई
मुंबई स्थित भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) टूरिस्ट्स के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है. यह भारत का प्रतिष्ठित न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर है. रिसर्चर्स और स्टूडेंट्स के अलावा विजिटर्स सिक्योरिटी कारणों से इसमें एंट्री नहीं कर सकते. रिसर्चर्स और स्टूडेंट्स को भी कई तरह की परमिशन मिलने के बाद ही इसमें एंट्री दी जाती है.
चोलामू लेक, सिक्किम
त्सो ल्हामो झील के नाम से भी जानी जाने वाली यह झील दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक है, लेकिन दुर्भाग्यवश, पर्यटकों के लिए वहां पहुंचना संभव नहीं है. यह तिब्बत बॉर्डर से कुछ ही किलोमीटर दूर स्थित है, जो भारत के प्रतिबंधित श्रेणी के इलाकों में आता है. यहां जाने की इजाजत सिर्फ सेना, सिक्किम पुलिस और प्रशासन के पास है.