Indian Army: फौजियों के लिए तैयार हुआ करंट वाला खास जूता, हर कदम से पैदा होगी बिजली

IIT Indore Special Shoe For Indian Army: इंडियन आर्मी दुनिया की ताकतवर सेनाओं में से एक है. भारतीय सेना से दुश्मन थर-थर कांपते हैं. इंडियन आर्मी के जवान हर बाधा को पार करने में माहिर हैं. अब भारतीय फौजियों को खास जूता मिलने जा रहा है जो बिजली पैदा करेगा.

गुणातीत ओझा Wed, 07 Aug 2024-4:09 pm,
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एडवांस तकनीक से तैयार किए गए ये कई मायनों में बेहद खास हैं. इन जूतों को आईआईटी इंदौर ने तैयार किया है. जूतों की खासियत यह है कि जब फौजी इसे पहन कर चलेंगे तो उनके हर कदम से बिजली तैयारी होगी.

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इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) ने फौजियों के लिए एडवांस तकनीक से खास जूते तैयार किए हैं. इन जूतों को पहनकर चलने से बिजली तो बनेगी ही साथ ही इससे फौजियों की सटीक लोकेशन का भी पता चलता रहेगा.

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आईआईटी के अधिकारियों ने बताया कि आईआईटी इंदौर ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को ऐसे जूतों के 10 जोड़े भेजे हैं. इन खास जूतों को आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर आईए पलानी के नेतृत्व में तैयार किया गया है.

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बिजली तैयार करने के लिए इन जूतों को बनाने में खास ट्राइबो-इलेक्ट्रिक नैनोजेनरेटर (टेंग) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. जिससे इन्हें पहन कर चले गए हर कदम से बिजली तैयार होगी.

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उन्होंने बताया कि यह बिजली जूतों के सोल यानी तलों में लगाए गए एक गैजेट में स्टोर होगी. और इस बिजली से फौजी अपने छोटे डिवाइस को चार्ज कर सकेंगे या चला सकेंगे.

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अधिकारियों ने बताया कि ‘ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम’ (जीपीएस) और ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (आरएफआईडी) की तकनीकों से लैस जूतों की मदद से वास्तविक समय में सैन्य कर्मियों की लोकेशन भी पता लगाई जा सकती है.

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आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा कि इन जूतों की नवाचारी खूबियों से सैन्य कर्मियों की सुरक्षा, समन्वय और दक्षता को बल मिलेगा.

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अधिकारियों ने बताया कि टेंग तकनीक से लैस जूतों का इस्तेमाल अल्जाइमर से जूझ रहे बुजुर्गों, विद्यालय जाने वाले बच्चों और पर्वतारोहियों की लोकेशन पता लगाने में भी किया सकता है. इसके अलावा, ये जूते कारखानों में कामगारों की हाजिरी और उनके काम की निगरानी में मददगार साबित हो सकते हैं.

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उन्होंने बताया कि इन जूतों की मदद से खिलाड़ियों के पैरों की हरकतों का सटीक विश्लेषण भी किया जा सकता है जिससे बेहतर प्रशिक्षण के जरिये उनके प्रदर्शन में सुधार लाया जा सकता है.

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