भारत का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन, उम्र 171 साल, लेकिन आज भी है चकाचक...ट्रेन पकड़ने के लिए रोज होती है धक्का-मुक्की
OIdest Railway Station In India: देश की सबसे पुरानी रेववे स्टेशन ने भाप इंजन से लेकर वंदे भारत की रफ्तार को देखा है. 171 साल की इस रेलवे स्टेशन से आज भी ट्रेन पकड़ने के लिए धक्का मुक्की होती है, देश के कोने-कोने के लिए यहां से ट्रेनें चलती और रुकती हैं.
सबसे पुराना रेलवे स्टेशन
Indian Railway Oldest Railway Station:भारतीय रेल का विशाल नेटवर्क इतिहास से भरा हुआ है. इस रेल ने गुलाम भारत से लेकर आजादी की पहली किरण को देखा है. भारतीय रेलवे के साथ कई किस्से जुड़े हैं. ऐसा ही एक किस्सा भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशन के साथ जुड़ा है. दिलचस्प बात ये है कि ताज महल के बाद भारत में सबसे ज्यादा फोटो इसी रेलवे स्टेशन की खींची जाती है. लोग इस स्टेशन से सफर करने के लिए तो आते ही है, इसे देखने भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. कई लोग तो इस स्टेन पर सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए आते है. जो भी मुंबई घूमने के लिए पहुंचता है, इस स्टेशन पर एक न एक बार जरूर जाता है.
आज भी दौड़ती है ट्रेन
इस रेलवे स्टेशन के निर्माण में उस वक्त 6 लाख रुपये खर्च हुए थे. ये भारतीय रेलवे का सबसे पुराना स्टेशन है. जिसकी उम्र भले ही 171 साल की हो गई हो, लेकिन आज भी इस स्टेशन से फर्राटे से ट्रेनें दौड़ती है. देशभर के लिए इस स्टेशन से ट्रेनें चलती है. भारतीय रेलवे की सबसे उम्रदराज रेलवे स्टेशन ने भाफ इंजन से लेकर वंदे भारत की रफ्तार तक को देखा है. मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस ( CSMT) देश का सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है.
सबसे पुरानी रेलवे स्टेशन
भारत में ट्रेन की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई थी. देश की पहली ट्रेन मुंबई के बोरी बंदर से ठाणे के बीच दौड़ी थी. 400 यात्रियों के साथ 34 किलोमीटर लंबे रूट पर पहली ट्रेन चली थी. इसी रूट पर देश का पहला रेलवे स्टेशन बनाया है. 171 साल पहले बने रेलवे स्टेशन पर आज भी फर्राटे से ट्रेन दौड़ती है. इस स्टेशन से देश के अलग-अलग हिस्से के लिए ट्रेनें चलती हैं.
कैसे बना बोरीबंदर स्टेशन
भारत के लिए पहले रेलवे स्टेशन जहां पहली बार ट्रेन दौड़ी थी, उसे बोरी बंदर नाम दिया गया. मुंबई में एक जगह का नाम बोरी बंदर है, जिसके नाम पर ही रेलवे स्टेशन को भी नाम दे दिया गया. साल 1853 से शुरू हुए इस स्टेशन को 1878 में फिर से बनाया गया और उसका नाम बदलकर विक्टोरिया टर्मिनस रख दिया गया. ब्रिटेन की महारानी के नाम पर स्टेशन का नाम बदला गया.
विक्टोरिया टर्मिनस से छत्रपति शिवाजी टर्मिनस तक का सफर
आजादी के बाद साल 1996 में इस रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी रेलवे स्टेशन कर दिया गया था. इसके बाद साल 2017 में फिर से भारत सरकार ने इस रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस रख दिया गया.
ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा फोटो
छत्रपति शिवाजी महाराष्ट्र के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड भी है. ताज महल के बाद भारत में सबसे ज्यादा फोटो इसी बिल्डिंग के खींचे जाते हैं. इस बिल्डिंग का डिजाइन आर्किटेक्ट फ्रेडरिक स्टीवेंस ने तैयार किया था. उस वक्त इसके निर्माण में 16 लाख खर्च हुए थे,जिसके बाद कई बार इसका विस्तार किया गया.
18 प्लेटफॉर्म और सैकड़ों ट्रेनें
ये स्टेशन भारत का सबसे पुराना स्टेशन है. मुंबई के इस स्टेशन पर देश भर के कई शहरों के लिए ट्रेनें छूटती और खुलती है. रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सबसे ज्यादा भीड़ रहती है. रोजाना लाखों की संख्या में यहां से लोग सफर करते हैं.