हवाई जहाज से भी तेज रफ्तार, 25 मिनट में मुंबई से पुणे पहुंचाएगी ये ट्रेन, क्या है हाइपरलूप ट्रैक, रेल मंत्री ने शेयर किया फर्स्ट लुक
रेलवे लगातार तरक्की कर रहा है. देश में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ रही है. बुलेट ट्रेन दौड़ने वाली है. वहीं जल्द ही आपको हाइपरलूप ट्रैक पर सफर का मौका मिलेगा. इसके लिए 410 किमी का ट्रैक बनकर तैयार हो गया है.
Hyderloop Train Track
Hyderloop Train Track: रेलवे लगातार तरक्की कर रहा है. देश में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ रही है. बुलेट ट्रेन दौड़ने वाली है. वहीं जल्द ही आपको हाइपरलूप ट्रैक पर सफर का मौका मिलेगा. इसके लिए 410 किमी का ट्रैक बनकर तैयार हो गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाइपरलूप ट्रैक का वीडियो शेयर किया है. वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि भारत का पहला हाइपलूप टेस्ट ट्रैक बनकर तैयार है. टीम रेलवे और आईआईटी मद्रास ने मिलकर इसे तैयार किया है. हाइपरलूप ट्रेन टैक के साथ ही भारत में हाई-स्पीड ट्रांसपोर्टेशन के रास्ते खुल गए हैं.
क्या है हाइपरलूप ट्रेन
हाइपरलूप ट्रेन एक हाई स्पीड ट्रेन हैं, जो एक ट्यूब में वैक्यूम में चलती है. इसमें ट्रेन चुंबकीय तकनीक से लैस पॉड पर चलती है. इस तकनीक में एलीवेटेड ट्रांसपेरेंट ट्यूब बिछाई जाती है, जिसके भीतर बोगी तेज रफ्तार से दौड़ पाती है. ट्यूब में घर्षण नहीं होने के चलते इसकी स्पीड 1100 से 1200 किमी प्रति घंटे तक चली जाती है, हालांकि भारतीय रेलवे की ओर से डेवलप की जा रही हाइपलूप की अधिकतम स्पीड 600 किमी की है. इसमें बिजली का खर्च बहुत कम होता है. इस तकनीक में प्रदूषण न के बराबर होता है.
20 मिनट में पुणे से मुंबई
तेज रफ्तार के चलते इस ट्रेन से सफर में लगने वाला समय काफी कम हो जाता है. इसकी स्पीड बुलेट ट्रेन को भी पीछे छोड़ देगी. इस हाइपरलूप ट्रेन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसकी स्पीड 1100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक जा सकती है. यानी आप 1 घंटे से भी कम में दिल्ली से पटना पहुंच जाएंगे. हालांकि इसका ऑपरेशनल स्पीड 360 किमी प्रति घंटे की है.
कहां चलेगी पहली हाइपरलूप ट्रेन
माना जा रहा है कि देश की पहली हाइपरलूप ट्रेन मुंबई पुणे के बीच चलाई जाएगी. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद मुंबई से पुणे की दूरी सिर्फ 25 मिनट की रह जाएगी. फिलहाल इस दूरी को तय करने में रेलवे को 3 से 4 घंटे का वक्त लगता है. अगर सबकुछ सही रहा और भारत में हाइपरलूप ट्रेनों की शुरुआत होती है तो इससे रेलवे की पूरी दिशा बदल सकती है. बुलेट ट्रेन और फ्लाइट को पछाड़कर हाइपरलूप लोगों की पहली पसंद बन सकता है. हालांकि किराए को लेकर ये आशंका है कि टिकट के प्राइस फ्लाइट के बराबर हो सकती है.
कितने लोग एक बार में कर पाएंगे सफर
हाइपरलूप ट्रैक में नॉनस्टॉप सफर का मजा मिलता है. एक बार बैठिए और सीधे मंजिल पर पहुंचिए. इसमें आपको बीच में कहीं रुकने का कोई मौका नहीं मिलेगा. यह पॉड एक बार में लगभग 24-28 लोगों बैठ सकेंगे.
क्या है मस्क से कनेक्शन
हाइपरलूप की परिकल्पना नई नहीं है. सबसे पहले साल 2013 में एलन मस्क ने इसकी बात की थी. उनकी इस सोच के पीछे मकसद लोगों को लॉस एंजेलिस से सैन फ्रांसिसको के बीच बिना रुके हुए पहुंचाना था.