Iran पर सीधे हमले से क्यों बच रहे इजराइल और अमेरिका? जान लें इसके पीछे की वजह
Israel Iran Conflict: ईरान और इजरायल के टकराव से दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर आते हुए दिखाई दे रही है. कई देश इजरायल के समर्थन में खड़े हो गए हैं, जिसमें बड़ा नाम सुपरपावर अमेरिका का है. इजरायल के साथ ईरान के खिलाफ संघर्ष में अमेरिका मजबूती के साथ तो खड़ा है, लेकिन अमेरिका ने साफ किया है कि वो ईरान से जंग नहीं चाहता. ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर इजरायल हमला करता है तो उनका अगला ऑपरेशन और ज्यादा खतरनाक होगा.
ईरान पर सीधे हमले से क्यों बच रहे इजराइल-अमेरिका?
ईरान ने इजरायल पर 300 सौ से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन से आसमानी हमला किया. इससे इजरायल भी भड़क गया है, लेकिन वो भी ईरान पर सीधे हमला करने से बच रहा है. अमेरिका भी इजरायल के साथ खड़ा है, लेकिन ईरान से जंग नहीं चाहता है. लेकिन, आखिर ऐसी क्या वजह है कि इजरायल और अमेरिका दोनों ईरान पर सीधा हमला करने से बच रहे हैं.
पश्चिमी एशिया की सबसे ताकतवर सेना
ईरान की सेना पश्चिम एशिया की सबसे मजबूत और ताकतवर मानी जाती है. उपकरण, सामंजस्य, अनुभव और कर्मियों की गुणवत्ता के मामले में ईरान की सेना का कोई टक्कर नहीं है. हालांकि, ईरान की सेना अमेरिका और इजराइल की सशस्त्र सेनाओं से ताकत के मामले में पीछे है, लेकिन फिर भी दोनों देश सीधा हमला नहीं कर रहे हैं.
ईरान के पास सबसे बड़ी सेना
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, उपकरण, सामंजस्य और अनुभव के मामले में ईरान की सेना तो ताकतवर है ही, इसके साथ ही यह काफी बड़ी भी है. ईरान की सेना में 5.8 लाख सैन्यकर्मी एक्टिव ड्यूटी में हैं. जबकि, 2 लाख प्रशिक्षित आरक्षित कर्मियों को पारंपरिक सेना और इस्लामी क्रांतिकारी गार्ड कोर के बीच विभाजित किया गया है.
स्पीडबोट और छोटी पनडुब्बियों का बेड़ा
ईरान के पास स्पीडबोट और छोटी पनडुब्बियों का बड़ा बेड़ा है. अरब की खाड़ी और होर्मुज जलडमरूमध्य से गुजरने वाले शिपिंग यातायात और वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को बाधित कर सकता है.
बैलिस्टिक मिसाइलों का सबसे बड़ा भंडार
ईरान के पास पश्चिम एशिया में सबसे बड़ा बैलिस्टिक मिसाइलों का भंडार है. इसमें क्रूज मिसाइलें और एंटी-शिप मिसाइलें शामिल हैं. इसकी बैलिस्टिक मिसाइलों की मारक क्षमता 2000 किमी तक है. यह पश्चिम एशिया में किसी भी लक्ष्य को भेद सकती हैं.
ड्रोन का बड़ा भंडार
ईरान के बाद मिसाइलों के साथ ही ड्रोन का भी बड़ा भंडार है. इनकी मारक क्षमता लगभग 1900 से 2500 किमी तक है और ये रडार से बचने के लिए लो हाइट में उड़ान भरने में सक्षम हैं.
ईरान के गुप्त ठिकाने
ईरान के ठिकाने और भंडारण सुविधाएं व्यापक रूप से फैली हुई हैं. ये जमीन के अंदर काफी गहराई में बने हुए हैं और हवाई सुरक्षा से मजबूत हैं, जिससे उन्हें हवाई हमलों से नष्ट करना मुश्किल हो जाता है.