Paper Mache: क्या है पेपर माशी? कश्मीरी कलाकारों को क्रिसमस से पहले मिला 15 करोड़ का ऑर्डर

खालिद हुसैन, श्रीनगर: कश्मीर के पेपर माशी कारीगरों के लिए क्रिसमस (Christmas) की खुशियां हर साल की तरह इस बार 2024 में भी पहले से आ चुकी हैं, क्योंकि क्रिसमस से कई महीने पहले ही पेपर माशी (Kashmiri papier-mache) कारीगरों को करोड़ों के ऑर्डर मिल जाते हैं. जिसके बाद इनके हुनर का कमाल देखते ही बनता है. आपको बताते चलें कि कश्मीर से लगभग 15 करोड़ रुपये की क्रिसमस की सजावट की चीज़ें कई देशों को निर्यात की जाती हैं. ऐसे में इस बार भी इन हुनरबाजों के हाथ ऑर्डर पूरा करने के लिए तेजी से चल रहे हैं. इनका कहना है कि समय से पहले ऑर्डर पूरा कर देंगे.

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सजावट की चीज़ें कहां बनती हैं?

हम सभी ने क्रिसमस ट्री, दीवारों और छतों पर क्रिसमस की सजावट की चीज़ें लटकी देखी होंगी, लेकिन क्या हम जानते हैं कि ये क्रिसमस बॉल और घंटियाँ और अन्य सजावट की चीज़ें कहां बनती हैं? कश्मीर के पेपर माशी कारीगर त्योहार से कई महीने पहले से ही इन सजावटी वस्तुओं को बनाना शुरू कर देते हैं. क्रिसमस से ठीक पहले दुनिया भर के ग्राहकों को लाखों की संख्या में पेपर माशी की सजावट की चीज़ें बेची जाती हैं. 

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गुड स्टोरी

कश्मीर घाटी के कलाकारों ने इस बार सजावटी वस्तुओं में नए डिज़ाइन पेश किए हैं. वे दुनिया भर में ग्राहकों को बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. कारीगरों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में इन वस्तुओं की मांग न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में बहुत बढ़ गई है, जहां ईसाई आबादी अधिक है और क्रिसमस पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. 

 

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हजारों कश्मीरी पेपर माशी कारीगरों में से एक ऐसे ही कारीगर मकबूल जान हैं, जो कश्मीर के एक पुरस्कार विजेता पेपर माशी कलाकार हैं, जिन्होंने क्रिसमस के त्योहार के लिए हजारों हस्तनिर्मित पेपर माशी उत्पाद बनाए हैं. उनके उत्पाद दुनिया भर में बेचे जाते हैं. उनके हैंड मेड प्रोडक्ट्स क्रिसमस और ईस्टर की पूर्व संध्या पर दुनिया भर में हजारों घरों को सजाने के काम आते हैं. 

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कारीगर मकबूल जान का कहना है, 'हम क्रिसमस का इंतजार करते रहते हैं, ये हमें काम और रोजगार देता है. इससे हम अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकते हैं. क्रिसमस के त्योहार में कई चीजें होती हैं जैसे गेंदें, घंटियां, जीवन का पेड़, हर साल कई नए डिजाइन होते हैं, डिजाइन बदलते रहते हैं, लेकिन हमलोह नए और पुराने दोनों आइटम मिलकर बनाते हैं, नई पीढ़ी नए डिजाइन देती है. दुनिया के लगभग सभी देशों में क्रिसमस की सजावट का सामान जाता है, खासकर अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया में इनके प्रोडक्ट्स की भारी डिमांड है. क्रिसमस की तैयारी शुरू होने से लगभग 7-8 महीने पहले ही उस साल के क्रिसमस का डिजाइन तय हो जाता है.

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क्रिसमस पर कश्मीर की पेपर माशी कला से बनी चीज़ों से दुनिया भर के लाखों क्रिसमस ट्री सजाए जाते हैं. इस सजावट में कश्मीर का बड़ा योगदान है. पिछले कुछ सालों में इनके उत्पादों की मांग भी बढ़ी है. हालांकि कुछ उत्पाद चीन से भी आते हैं, लेकिन वे हाथ से नहीं बल्कि मशीनों से बने होते हैं, जिनकी ज्यादा मांग नहीं है. इस कला से बने उत्पाद यूरोपियन देशों के साथ अमेरिका और कनाडा ऑस्ट्रेलिया, हांगकांग और न्यूजीलैंड समेत उस हर देश भेजा जाता है जहां पर क्रिसमस और ईस्टर मनाया जाता है. 

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एक्सपोर्टर शहनाज यूसुफ का कहना है, इस सेगमेंट में अच्छी मांग बनी हुई है. यहां की सप्लाई ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका समेत कई देशों में जाती है. इनकी सप्लाई देश के कई राज्यों में भी जाती है. गुणवत्तापूर्ण सामान की मांग अच्छी बनी हुई है, इसका थोक में एक्सपोर्ट किया जाता है. 

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पेपर-माशी एक फ्रेंच शब्द है जिसका इस्तेमाल कच्चे कागज को सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन वस्तु में बदलने के लिए किया जाता है, इन प्रोडक्ट्स को हाथ से रंगा और डिज़ाइन किया जाता है. महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सब सामान पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ होते हैं. कश्मीर में ईसाई आबादी भले ही कम हो, लेकिन घाटी में क्रिसमस का उत्साह महीनों पहले से ही महसूस किया जाता है क्योंकि कश्मीर में उत्पादित क्रिसमस की सजावट की दुनिया भर में मांग है. कश्मीर के पारंपरिक पेपर माशी निर्माताओं को क्रिसमस की सजावट के लिए मिलने वाले हजारों ऑर्डर दुनिया भर में कश्मीर की कला को प्रदर्शित करते हैं और कश्मीर में हजारों लोगों को रोजगार भी प्रदान करते हैं.

 

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