इंसान के खून की कीमत भी इसके सामने कुछ नहीं, एक लीटर Blue Blood के दाम में घर ले आएंगे शानदार कार
Horseshoe Crab: धरती पर जिंदा रहने के लिए हर जीवित प्राणी को भी ऑक्सीजन और खून की जरूरत होती है. इंसानों में कई प्रकार के ब्लड ग्रुप पाया जाता है. कुछ ब्लड ग्रुप बहुत रेयर होते हैं, जो आसानी से मिलते नहीं हैं. ऐसे में इंमरजेंसी में ये ब्लड बहुत महंगे दाम पर बिकता है. वहीं, आज हम आपको एक ऐसे जानवर के बारे में बताने वाले हैं, जिसके खून के वैल्यू के सामने इंसानों के खून की कीमत कुछ भी नहीं है. यहां जानिए कि आखिर कौन सा है ये जीव और क्यों इसा खून इतना महंगा होता है...
सबसे महंगा खून इस जानवर का खून दुनिया में सबसे महंगा बिकता है. हम किसी बहुत बड़े जानवर कि बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह एक छोटा सी जीव केकड़ा है, मार्केट में इसकी कीमत लाखों रुपये होती है. हार्सशू क्रैब के 1 लीटर खून की कीमत में लाखों रुपये होती है.
धरती पर मौजूद ज्यादातर जीवों के खून का रंग लाल होता है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ जानवरों में पीले, नीले और हरे रंग का खून भी पाया जाता है.
नीले रंग का होता है इस केकड़े का खून
हार्सशू क्रैब के खून की रंग भी नीला होता है, जो कई गुणों से भरपुर होता है. इसके कारण इस ब्लड की मेडिकल जगत में बहुत डिमांड है.
स्टोर करके रखते हैं
हार्सशू क्रैब का खून इतना महंगा होता है कि इसे स्टोर करके रखा जाता है. दरअसल, इस केकड़े के ब्लड का इस्तेमाल मेडिकल के कामों में किया जाता है. इस केकड़े के खून में हीमोसायनिन मिला होता है, जिसके कारण इसके खून का नीला रंग होता है. हीमोसायनिन कॉपर बेस्ड रेस्पिरेटरी पिगमेंट होता है.
हार्सशू क्रैब का इतिहास
कहा जाता है कि इस जीव का वजूद डायनासोर से भी पुराना है. नेचरल हिस्ट्री म्यूजियम और मैरीलैंड वेबसाइट के अनुसार हॉर्सशू क्रैब धरती पर 45 करोड़ साल पुराना जीव है, जो अन्य केकड़ों जैसे ही दिखते हैं. इनके शेल होते हैं और बॉडी में टेल भी होती है.
लाखों रुपये है कीमत
हार्सशू क्रैब के खून को नीला सोना भी कहा जाता है. स्टडी डॉट कॉम की वेबसाइट के मुताबिक इसके 1 लीटर खून की कीमत 15 हजार डॉलर यानी करीब 12 लाख रुपये तक होती है. इतनी कीमत में तो हम बड़े आराम से एक शानदार सी कार खरीद सकते हैं.
क्यों है ये खून इतना महंगा?
हार्सशू क्रैब के ब्लू ब्लड की मेडिसिनल वैल्यू काफी ज्यादा है. मैरीलैंड वेबसाइट के मुताबिक इस नीले खून में एक प्रोटीन होता है, जिसे लिमुलस अमीबोसाइट लाइसेट कहा जाता है. जानकारी के मुताबिक इसका इस्तेमाल मेडिसिन और मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स निर्माताओं द्वारा सामान की टेस्टिंग के लिए किया जाता है. ये बैक्टीरियल पदार्थ इंसान के लिए जानलेवा भी हो सकते हैं.
फाइन डाइनिंग लवर्स वेबसाइट के मुताबिक हार्सशू क्रैब अमेरिका में अटलांटिक ओशन के किनारे मिलते हैं. इन जीवो के ब्लीडिंग प्रोसेस के बाद 10 से लेकर 30 फीसदी केकड़े जिंदा बच पाते हैं.